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स्वच्छता का व्यवहार अर्थात् महात्मा गांधी जी की विरासत का सम्मान - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में भारत सरकार ने स्वच्छता और देशभक्ति का अनुपम संगम हो रहा है। इस हेतु “सलाम तिरंगा - स्वच्छता का उत्सव” अभियान की अद्भुत शुरूआत की गयी।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में भारत सरकार ने स्वच्छता और देशभक्ति का अनुपम संगम हो रहा है। इस हेतु “सलाम तिरंगा - स्वच्छता का उत्सव” अभियान की अद्भुत शुरूआत की गयी। 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जी की जयंती तक चलने वाले इस अभियान के अन्तर्गत परमार्थ निकेतन में प्रतिदिन स्वच्छता और देशभक्ति को समर्पित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में किया जा रहा है ताकि जनसमुदाय को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ ही स्वच्छता कि लिये प्रेरित भी किया जाये। “सलाम तिरंगा - स्वच्छता का उत्सव” के माध्यम से अपने घरों, मोहल्लों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई के साथ ही तिरंगे के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना के साथ देश के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का अनुपम अभियान है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आईये हम सभी मिलकर महात्मा गांधी जी के स्वच्छता के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ायें। हम सब मिलकर इस अभियान को सफल बनाएं और अपने देश को स्वच्छ और सुंदर बनाएं। स्वामी जी ने कहा कि स्वच्छता न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामूहिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। स्वच्छता, केवल बाहरी सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ पर आयोजित स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमें सिखाता है कि देश हमें सबकुछ देता है, और हमें भी तो कुछ देना सीखे। स्वामी जी ने कहा कि स्वच्छता, सच्चाई और ऊचाँई जीवन के तीन पिलर हैं इन्हीं पिलरों के आधार पर हम महात्मा गांधी जी की विरासत को सम्भाल कर रख सकते हैं। स्वच्छता के माध्यम से हम अपने समाज को भी स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर साफ-सफाई से ही आदर्श जीवनशैली, आदर्श ग्राम और आदर्श शहरों का निर्माण सम्भव है।

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