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‘उत्कृष्ट प्रतिभा सम्मान’ प्रदान कर पुरस्कृत व सम्मानित किया।


शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। इन विद्यार्थियों ने नेत्रहीनता के बावजूद अपनी लगन और मेहनत से ब्रेल लिपि में अध्ययन करते हुए अपनी-अपनी कक्षाओं में 51.77 प्रतिशत से लेकर 92.77 प्रतिशत तक सर्वोच्च अंक प्राप्त किये हैं।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) द्वारा, अपनी शारीरिक दिव्यांगता को मात देकर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही दिव्यांग प्रतिभाओं को यूनियन के ‘हौसलों की उड़ान‘ कार्यक्रम में ‘उत्कृष्ट प्रतिभा सम्मान’ प्रदान कर पुरस्कृत व सम्मानित किया। इस अवसर पर दिव्यांग प्रतिभाओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। विगत दस वर्षों से निरंतर दिव्यांग प्रतिभाओं को समर्पित ‘हौसलों की उड़ान’ में बीते शिक्षा सत्र की वार्षिक परीक्षा में अपनी-अपनी कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर कक्षा 5 से कक्षा 10 की विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत् श्री स्वामी अजरानंद अंध विद्यालय हाई स्कूल के नेत्रहीन विद्यार्थी प्रशान्त (कक्षा 5), अमन (कक्षा 6), चन्द्रमणी (कक्षा 7), नरेन्द्र (कक्षा 8), सूरज (कक्षा 9) तथा वीरपाल (कक्षा 10) को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। इन विद्यार्थियों ने नेत्रहीनता के बावजूद अपनी लगन और मेहनत से ब्रेल लिपि में अध्ययन करते हुए अपनी-अपनी कक्षाओं में 51.77 प्रतिशत से लेकर 92.77 प्रतिशत तक सर्वोच्च अंक प्राप्त किये हैं। इसी तरह मानसिक रूप से अशक्त विद्यार्थियों की आत्मनिर्भता, स्वावलंबन और रोजगारपरक शिक्षा के लिए उन्हें प्रशिक्षित कर रहे ‘आकांक्षा’ के साहिल एवं ऐहेतेशाम को नृत्यकला, साबिर को चित्रकला एवं शशांक को सामान्य ज्ञान में शानदार प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करते हुए पुरस्कृत किया गया। मानसिक अशक्तता (डाउन सिंड्रोम) का सामना कर रही कु. नीति एवं कु.तोशनी पाहूजा को भी उनकी प्रस्तुतियों के लिए मंच प्रदान करते हुए संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। जीवन में मूक-बधिरता की बाधाओं के बावजूद सामाजिक जागरूकता, स्वावलंबन और आत्मनिर्भर बनकर लोगों को प्रेरित करने वाले राज्य दिव्यांग कल्याण आयोग के पूर्व सदस्य एवं मूक बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा, स्वयं आत्मनिर्भर बन कर दिव्यांगों को ‘हम होंगे कामयाब एक दिन’ का संदेश देने वाले सरदार मोंटू तथा शिक्षाध्यन के बाद कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार की राह पाने वाले सचिन सैनी को भी नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) द्वारा पुरस्कृत किया गया। स्वयं दृष्टिहीनता का शिकार होकर दूसरे नेत्रहीनों के जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे नेत्रहीन शिक्षक सूरज नारायण, कुमेर सिंह, राकेश जोशी, तथा उमा शंकर को भी उत्कृष्ट प्रतिभा सम्मान पत्र प्रदान कर तथा शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। स्वयं शारीरिक दिव्यांगता का शिकार होकर मनोविज्ञान और संगीत की उच्च शिक्षा हासिल कर विद्यार्थियों को संगीत शिक्षा प्रदान कर रही शिक्षिका सुश्री अरूणा को भी संस्था द्वारा शिक्षा जगत में की जा रही उनकी सेवाओं के लिए उत्कृष्ट प्रतिभा सम्मान प्रदान किया गया। मूक-बधिर होने के बावजूद रेगुलर बच्चों के साथ बिना ट्यूशन और किसी अतिरिक्त सहायता के इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी कर डिस्टेंस एजूकेशन से बीसीए की पढ़ाई जारी रखे हुए कु. तूबा पठान, तथा मूक बधिर कु. इकरा को इंटरमीडिएट के बाद रोजगापरक प्रशिक्षिण के लिए प्रोत्साहित करते हुए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नेत्रहीन विद्यार्थी मनोज ने भजन गायन और उनके साथ तबले व हारमोनियम पर पर शिवांग, गौरव, वीरपाल की संगत की प्रस्तुति देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। लोगों ने कर्तलध्वनि के साथ जहां संगीत शिक्षिका अरूण की के गीत की भूरी-भूरी प्रशंसा की, वहीं साहिल व ऐहेतेशाम तथा नन्हीं दिव्यांग बालिका नीति और तोशनी की नृत्य प्रस्तुति को भी खूब सराहा। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षाविद् एवं एसएमजेएन पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो0 सुनील बत्रा ने दिव्यांग प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए समय-समय पर ऐसे आयोजनों की निरंतरना बनाये रखते की आवश्यकता जतायी। उन्होंने पत्रकारों की संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम को अपनी तरह का अनूठा कार्यक्रम बताया। श्री बत्रा ने कहा कि ये बच्चे दिव्यांग नहीं ईश्वर ने इन्हें स्पेशल वरदान देकर हमारे बीच भेजा है। ये साधारण बच्चों से भी ऊंचा स्थान रखते हैं। मैं चाहता हूं इन बच्चों के लिए हमेशा कुछ न कुछ करता रहूंगा। मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं अंतराष्ट्रीय मर्म चिकित्सा विज्ञानी डॉ0 सुनील कुमार जोशी ने चिकित्सकीय दृष्टि से लोकोमोटर, विकलांगता, दृश्य हानि, श्रवण हानि, भाषण और भाषा विगलांगता, विगलांगता, बहु विकलांगता, सरेब्रल पाल्सी, डाउन सिंड्रोम आदि का उल्लेख करते हुए नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स द्वारा विगत दस साल से की जा रही पहल की सराहना की और कहा कि इस पर सबको एकजुटता से साथ कार्य करने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर ने कहा कि यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण क्षण है कि उन्हें दिव्यांग प्रतिभाओं को सम्मानित करते का सुवसर मिला है। उन्होंने कहा कि अगर मैं नहीं आता तो इतना सुन्दर कार्यक्रम देखने का अवसर नहीं मिल पाता उन्होंने कहा कि दिव्यांग प्रतिभाओं को सम्मानित कर उनका जीवन धन्य हो गया।

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