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विकास पहाड़ पर होना था वह मैदानी क्षेत्रों में हुआ:प्रदेश संयोजक


राज्य सरकार की गलत नीतियों तथा अवैध करों की मार के साथ ही नए राज्य की स्थापना के 19 वर्षो में भी राज्य निर्माण का सपना साकार न होने के विरोध में आज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रदेश संयोजक रामनरेश यादव तथा प्रदेश प्रभारी गिरीश वर्मा के नेतृत्व में प्रसपा कार्यकर्ताओं ने नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना देकर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित दस सूत्रीय ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंप कर देश के सर्वोत्तम राज्य उत्तराखण्ड को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की मांग की।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 18 सितम्बर राज्य सरकार की गलत नीतियों तथा अवैध करों की मार के साथ ही नए राज्य की स्थापना के 19 वर्षो में भी राज्य निर्माण का सपना साकार न होने के विरोध में आज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रदेश संयोजक रामनरेश यादव तथा प्रदेश प्रभारी गिरीश वर्मा के नेतृत्व में प्रसपा कार्यकर्ताओं ने नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना देकर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित दस सूत्रीय ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंप कर देश के सर्वोत्तम राज्य उत्तराखण्ड को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की मांग की। इससे पूर्व प्रसपा कार्यकर्ताओं ने देवपुरा चैक पर एकत्र होकर देवभूमि के गंगा तट पर खोली जा रही शराब फैक्ट्रियों के विरोध में चल रहे देवभूमि सिविल सोसायटी के धरने को समर्थन प्रदान किया। नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपने से पूर्व धरना सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी गिरीश वर्मा ने कहा कि उत्तराखण्ड को राज्य बने 19 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। लेकिन नया राज्य बनने का सपना आज भी अधूरा है इसके लिए राज्य में अब तक सत्ता पर काबिज रही सरकारों की गलत नीतियां और नेताओं की बदनीयति जिम्मेदार है। उन्होंने उत्तराखण्ड को भारत का सर्वोत्तम एवं संपदा संपन्न राज्य बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्र तक विकास का वातावरण बनाकर यहां के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए ही यूपी का विभाजन कर उत्तराखण्ड राज्य का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को वर्ष 1994 में भेजा था, वर्ष 2000 में नया राज्य तो बन गया लेकिन पहाड़ का विकास नहीं हुआ परिणाम स्वरूप पलायन बढ़ा और आज सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों की लगभग 70 प्रतिशत आबादी पहाड़ छोड़ कर मैदान में आ गयी और उत्तराखण्ड के पहाड़, कृषि, कृषक एवं युवा विहीन हो गए। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अब नए सिरे से पर्वतीय विकास का ढांचा तैयार कर रही है जिसको एक दो वर्ष में ही लागू कर नया राज्य निर्माण का सपना साकार कर दिया जाएगा। प्रसपा के प्रदेश संयोजक राम नरेश यादव ने भारत के राष्ट्रपति का ध्यान उत्तराखण्ड में विकास की संभावनाओं की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि राज्य में जल, जड़ी बूटी एवं खनिज सम्पदा के अपार भण्डारों के साथ ही तीर्थाटन एवं पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं राज्य को ऊर्जा प्रदेश, आयुष प्रदेश एवं पर्यटन के रूप में विकसित कर भारत का सर्वश्रेष्ठ तथा सुविधा सम्पन्न राज्य बनाया जा सकता है। लेकिन बारी बारी से यहां की सत्ता पर काबिज रही सरकारों ने राज्य की उन्नति के दो दर्शक बर्बाद कर दिए। उत्तराखण्ड राज्य में बड़े पैमाने पर हुए पलायन के लिए राज्य की पहली निर्वाचित सरकार को दोषी बताते हुए कहा कि जो विकास पहाड़ पर होना था वह मैदानी क्षेत्रों में हुआ जिससे मैदान पर जनसंख्या का भार बढ़ा और पहाड़ खाली हो गए। राज्य सरकारों द्वारा लागू की गई गलत नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि यहां की सभी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ीं यहां तक कि धार्मिक आयोजन कुम्भ और केदारनाथ यात्रा आदि में भी बड़ा भ्रष्टाचार हुआ, एनएच घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, भूमि घोटाला के साथ ही अवैध खनन और शराब के कारोबार ने राज्य को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया। वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस लूट रही है तो जल मूल्य में प्रतिवर्ष शराब की भांति 15 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, हरिद्वार में नगर पालिका बाॅयलाॅज का उल्लंघन हो रहा है। कुंभ आयोजन हेतु केंद्र से आने वाली धनराशि से स्थायी निर्माण कार्य न होकर तत्कालिक व्यवस्था पर व्यय होना दर्शाया जा रहा है। उन्होंने स्थायी निवास तथा जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही तहसीलों की लूट को समाप्त कर सम्पूर्ण हरिद्वार जनपद से लेकर लक्ष्मण झूला तक के क्षेत्र के कुम्भ क्षेत्र घोषित कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करते हुए कहा कि इस क्षेत्र पर सम्पूर्ण भारत वर्ष का अधिकार है अतः इसकी व्यवस्था केंद्र सरकार को अपने हाथ में लेनी चाहिए। इस अवसर पर अफजाल अहमद, राकेश यादव, प्रमिला चैहान, सतीश कश्यप, कुलदीप सिंह, अतुल कुमार, प्रदीप पाल, प्रशान्त यादव, असलम ख्वाजा, बलजीत कौर, पवन अरोड़ा, सर्वेश कुमार वर्मा, रामप्रकाश यादव, महमूद, सद्दाम, रामकुमार तोमर, यूनुस, गुलबहार, मुनीर आलम, इरशाद, दरवेश कुमार, मांगेराम प्रजापति तथा प्रकाश बादल आदि कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी कर नए बने मोटर व्हीकल एक्ट को तत्काल समाप्त करने की मांग की।

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