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मातृ सदन का आंदोलन देशव्यापी स्तर पर जारी रहेगा: स्वामी शिवानंद


मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने कहा कि गंगा रक्षा को लेकर मातृ सदन में आयोजित गोष्ठी में देश भर से आए लोगों ने मातृ सदन के आंदोलन को देश भर में चलाने के लिए संकल्प लिया। सभी लोगों ने एक स्वर में केंद्र की मोदी सरकार पर संवेदनहीन सरकार का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार को तनिक भी चिंता नहीं है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने कहा कि गंगा रक्षा को लेकर मातृ सदन में आयोजित गोष्ठी में देश भर से आए लोगों ने मातृ सदन के आंदोलन को देश भर में चलाने के लिए संकल्प लिया। सभी लोगों ने एक स्वर में केंद्र की मोदी सरकार पर संवेदनहीन सरकार का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार को तनिक भी चिंता नहीं है। ऐसे में मातृ सदन के ब्रह्मचारी आंदोलन को लेकर उनसे क्या अपेक्षा की ज सकती है। स्वामी शिवानंद ने कहा कि कैबिनेट मंत्री कटारिया की ओर से पार्लियामेंट में प्रस्ताव पारित कराने के बाद भी सरकार ने कोई कार्य नहीं किया। इनका इसका उनके पास लिखित में प्रमाण मौजूद है। उन्होंने कहा कि गंगापुत्र निगमानंद की हत्या को लेकर सरकार ने गंभीरता से कार्य किया होता तो स्वामी सानंद को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। इसके बाद भी साध्वी पद्मावती और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के खिलाफ षड्यंत्र किया गया। साध्वी पद्मावती आज भी सरकार द्वारा किए गए अत्याचार का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ब्रह्मचारी आपको बहुत आनंद को भी अनशन करते हुए लगातार 33 दिन बीत गए लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। मातृ सदन में आयोजित गोष्ठी में ब्रह्मचारी आत्मबोध आनंद के आंदोलन को विश्व स्तर पर चलाने का निर्णय लिया गया। फ्राईडे एंड फार्च्यून संस्था कि रिधिमा पांडे ने कहा कि गंगा को लेकर केंद्र सरकार की ओर से तमाम बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन आज भी गंगा दूषित और मैली है। उनकी संस्था गंगा को लेकर पूरे विश्व में अभियान चलाएगी। समाजसेवी फैजल खान ने कहा की उनके लोग भी मातृ सदन के आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रहे हैं। गंगा में सभी धर्मों के लोगों की आस्था निवास करती है। ऐसे में गंगा की रक्षा करना और गंगा की रक्षा के लिए आंदोलन करने वाले संतों की रक्षा करना हम सभी का दायित्व बनता है। समाजसेवी संदीप पांडे ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर भी गंभीर नहीं है। ऐसे में मातृ सदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के आंदोलन से उन्हें कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। किसानों के आंदोलन में भी 500 से ज्यादा लोगों की जान गई वही मातृ सदन के आंदोलन में भी तीन संतों को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा।वहीं एक संत की हत्या भी की गई। उन्होंने कहा केंद्र सरकार को जगाने के लिए मातृ सदन के आंदोलन में समस्त देशवासियों को एकजुट होना होगा। विचार गोष्ठी में बंगाल की कलोल राय अहमदाबाद की मानसी बालभारती सहित अन्य गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। इस मौके पर व्यापारी नेता संजीव चौधरी डॉ विजय वर्मा डॉक्टर वर्षा वर्मा गंगा प्रेमी रामेश्वर गौड़, सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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