शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत कथा सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ आज कलश यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¥à¤® दिन की कथा के साथ शà¥à¤°à¥€ अवधूत मणà¥à¤¡à¤² आशà¥à¤°à¤® हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में हà¥à¤†à¥¤
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत कथा सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ आज कलश यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¥à¤® दिन की कथा के साथ शà¥à¤°à¥€ अवधूत मणà¥à¤¡à¤² आशà¥à¤°à¤® हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में हà¥à¤†à¥¤ अज पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 9 बजे खनà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤—र घाट से बैणà¥à¤¡ बाजों के साथ कलश यातà¥à¤°à¤¾ खनà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤—र के बीच से मà¥à¤–à¥à¤¯ मारà¥à¤— शंकर आशà¥à¤°à¤® चौक से होती हà¥à¤ˆ कथा सà¥à¤¥à¤² पर पहà¥à¤‚ची। यहां बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कलश सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ व पूजन किया गया। दोपहर के बाद पà¥à¤°à¤¥à¤® दिवस की कथा सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कथा वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ सनà¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ गौरदास जी महाराज वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ ने शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा शà¥à¤°à¤µà¤£ के महतà¥à¤µ को बताते हà¥à¤ कहा कि कलियà¥à¤— में सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤—वत कथा का शà¥à¤°à¤µà¤£ करने से ही सब पापों का नाश हो जाता है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत कलà¥à¤ªà¤µà¥ƒà¤•à¥à¤· की ही तरह है। यह हमें मृतà¥à¤¯à¥ जैसे सतà¥à¤¯ से अवगत कराती है। à¤à¤¾à¤—वत के पाठसे कलियà¥à¤— के समसà¥à¤¤ दोष नषà¥à¤Ÿ हो जाते हैं। इसके शà¥à¤°à¤µà¤£ मातà¥à¤° से शà¥à¤°à¥€à¤¹à¤°à¤¿ अपने हृदय में आकर विराजते हैं। कथा वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने कहा कि जीवन में हर पल à¤à¤—वान का नाम सà¥à¤®à¤¿à¤°à¤¨ करते रहना चाहिà¤, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यही कलियà¥à¤— में मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का मारà¥à¤— है। जीवन गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ के बाद यदि जीवन जीने का ढंग आया तो फिर इसका कà¥à¤¯à¤¾ फायदा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को आतà¥à¤®à¤¾ और शरीर के विषय पर बताया कि कथा सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ से अमर होने का अरà¥à¤¥ यह कदापि नहीं होता है कि हमारा शरीर कà¤à¥€ नषà¥à¤Ÿ ही नहीं होगा। यह शरीर तो à¤à¤• वसà¥à¤¤à¥à¤° की à¤à¤¾à¤‚ति है और à¤à¤• वसà¥à¤¤à¥à¤° को कितने समय तक धारण करेंगे कà¤à¥€ न कà¤à¥€ तो यह मैला होगा ही। इसलिठआतà¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ शरीर के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ होने पर उसे छोड़ देती है। आज कथा में मà¥à¤–à¥à¤¯ यजमान पà¥à¤°à¥‹. सà¥à¤¨à¥€à¤¤ कà¥à¤®à¤¾à¤° कà¥à¤²à¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ , समाज सेवी विमल कà¥à¤®à¤¾à¤°, सतीश पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿, रमेश उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯, देवी पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ शरà¥à¤®à¤¾, वी.पी. सिंह, रमेश सिंह राजपूत, हरीश राठौर, डॉ. जितेनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह, à¤à¤¾à¤°à¤¤ तनेजा, अनिल कà¥à¤®à¤¾à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, बालकृषà¥à¤£ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, डॉ. अशà¥à¤µà¤¿à¤¨à¥€ चौहान, शशि उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯, मानव अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² सहित ने पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रूप से पूजन किया।