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महंत नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे मठ की अकूत संपत्ति विवाद का मुख्य कारण तो नहीं, हरिद्वार से उनका शिष्य, प्रयागराज से हनुमान मंदिर पुजारी तथा उनका पुत्र गिरफ्तार।


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि के कथित आत्‍महत्या को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं. महंत नरेंद्र गिरी की मौत को बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़े की अकूत धन-संपदा और वैभव को लेकर भी जोड़ा जा रहा है.बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़े से जुड़े लोग हत्‍या की भी आशंका जता रहे हैं.

रिपोर्ट  - à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ शर्मा

हरिद्वार (विकास शर्मा )21 सितंबर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि के कथित आत्‍महत्या को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं. महंत नरेंद्र गिरी की मौत को बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़े की अकूत धन-संपदा और वैभव को लेकर भी जोड़ा जा रहा है.बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़े से जुड़े लोग हत्‍या की भी आशंका जता रहे हैं. बाघंबरी गद्दी मठ और निरंजनी अखाड़े की अकूत धन-संपदा को लेकर विवादों का रिश्ता पुराना रहा है.मीडिया में आई तमाम रिपोर्ट के मुताबिक, मठ और अखाड़े की सैकड़ों बीघे जमीनें बेचने, सेवादारों और उनके परिवारीजनों के नाम मकान, जमीन खरीदने को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और उनके करीबी शिष्य आनंद गिरि के बीच विवाद लंबे समय से रहा है। संपत्ति को लेकर निरंजनी अखाड़े के मठ में पहले भी दो महंतों की संदिग्ध मौतें हो चुकी हैं. अब नरेंद्र गिरि की मौत को लेकर भी संपत्ति विवाद के सवाल उठ रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघंबरी गद्दी मठ के महंत नरेंद्र गिरि से उनके शिष्य योग गुरु आनंद गिरि के बीच विवाद बीते मई महीने में बाघंबरी गद्दी मठ की 80 फीट चौड़ी और 120 फीट लंबी गोशाला की भूमि की लीज निरस्त कराए जाने के बाद सामने आया. आनंद गिरि के नाम लीज पर दी गई इस जमीन पर पेट्रोल पंप प्रस्तावित किया गया. कुछ दिन बाद ही महंत नरेंद्र गिरि ने यह कहते हुए लीज निरस्त करा दी कि वहां पेट्रोल पंप नहीं चल सकता. महंत नरेंद्र गिरि बाघंबरी गद्दी मठ की जमीन पर मार्केट बसाना चाहते थे, उनका मानना था कि इससे मठ की आमदनी बढ़ेगी. जबकि आनंद गिरि का कहना था कि गुरुजी ने उस जमीन को बेचने के लिए लीज निरस्त कराई थी. बाघंबरी मठ की करोड़ों रुपये की इस जमीन को लेकर गुरु-शिष्य के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि निरंजनी अखाड़े और बाघंबरी मठ से आनंद गिरि को निष्कासित कर दिया गया. इसके बाद आनंद गिरि ने भागकर हरिद्वार में शरण ली. इससे पहले भी 40 करोड़ रुपये की बाघबंरी गद्दी मठ की सात बीघे भूमि बेचे जाने को लेकर हुए विवाद हो चुका है. मांडा और राय बरेली में भी निरंजनी अखाड़े की करोड़ों की भूमि बेचे जाने को लेकर विवाद रहा है.

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