कथा वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ गौरदास महाराज ने शà¥à¤°à¥€ कपिल à¤à¤—वान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी मां देवहà¥à¤¤à¤¿ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के विषय में पर शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को कथा का रसपान कराते हà¥à¤ कहा कि संसार में केवल à¤à¤• ही à¤à¤¸à¥€ मां है जिसने अपने पà¥à¤¤à¥à¤° से जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया है
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ अवधूत मंडल आशà¥à¤°à¤®, निकट शंकर आशà¥à¤°à¤®, जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤ªà¥à¤°, हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत कथा के तीसरे दिन कथा वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ गौरदास महाराज ने शà¥à¤°à¥€ कपिल à¤à¤—वान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी मां देवहà¥à¤¤à¤¿ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के विषय में पर शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को कथा का रसपान कराते हà¥à¤ कहा कि संसार में केवल à¤à¤• ही à¤à¤¸à¥€ मां है जिसने अपने पà¥à¤¤à¥à¤° से जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया है। इस संसार में à¤à¤• कहावत बड़ी पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है कि सारे तीरथ बार-बार गंगा सागर à¤à¤• बार कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते हैं à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है वह इसलिठहै कि कपिल à¤à¤—वान ने जो सतà¥à¤¸à¤‚ग अपनी मां को गंगासागर में पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया अगर उसकी à¤à¤• छींट à¤à¥€ हमारे ऊपर आ जाठतो हमारा उदà¥à¤§à¤¾à¤° हो जाà¤à¤—ा। कथा पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग को आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि जब संत पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का संग होता है तो मन सतोगà¥à¤£ से यà¥à¤•à¥à¤¤ होकर à¤à¤—वत चिंतन करता है जो मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का कारण à¤à¥€ बन जाता है। महाराज ने समसà¥à¤¤ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दिया। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत पà¥à¤°à¤¾à¤£ à¤à¤µà¤‚ महाराज शà¥à¤°à¥€ का पूजन सà¥à¤¨à¥€à¤¤ कà¥à¤®à¤¾à¤° कà¥à¤²à¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ , रमेश उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯, अशà¥à¤µà¤¿à¤¨à¥€ चौहान, दिनेश à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤œ, मानव अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², विमल कà¥à¤®à¤¾à¤° सतीश पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿, à¤à¤¾à¤°à¤¤ तनेजा, देवी पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ शरà¥à¤®à¤¾ ने किया।