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नवरात्र के लिए विभिन्न राज्यों से गायत्री साधक शांतिकुंज पहुंचे हैं।


शारदीय नवरात्र के लिए विभिन्न राज्यों से गायत्री साधक शांतिकुंज पहुंचे हैं। यहाँ वे विधिपूर्वक सामूहिक जप, तप के सत्संग में भागीदारी कर रहे हैं।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार ९ अक्टूबर। शारदीय नवरात्र के लिए विभिन्न राज्यों से गायत्री साधक शांतिकुंज पहुंचे हैं। यहाँ वे विधिपूर्वक सामूहिक जप, तप के सत्संग में भागीदारी कर रहे हैं। साधकों को वर्चुअल संदेश देते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र सात्विक साधना की ओर प्रेरित करता है, जो इन दिनों सात्विक जप, तप करते हैं। उन पर सर्वशक्तिमान माता की कृपा बरसती है। श्रीमद्भगवतगीता के चौथे अध्याय का उल्लेख करते हुए डॉ पण्ड्या ने कहा कि जब साधक मनोयोगपूर्वक जप करता है, और पूरा अनुशासन का पालन करता है। तब उसका मन स्वभावतः सत्व की तरफ झुकाव होता है और ऐसे साधक में दैवीय गुण प्रकट होने लगते हैं। जिस तरह कई महापुरुषों के जीवन में देखने को मिलते हैं। उन्होंने राजसिक, तामसिक सहित विभिन्न साधना पद्धतियों को उल्लेख करते हुए सात्विक साधना को सर्वोत्तम बताया। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख ने कहा कि सात्विक साधना करने वाला साधक के जीवन में संतुलन, सामंजस्य बिठाने की कला तथा सद्गुणी क्षमता का विकास होता है। अध्यात्मवेत्ता श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने कहा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि बुराइयों को त्यागकर अच्छाइयों की ओर चलो। नवरात्र साधना में साधक को अच्छाइयों की ओर अग्रसर होने का प्रयास करना चाहिए। श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या के वर्चुअल संदेश से भारतवर्ष के अलावा अमेरिका, कनाडा, साउथ अफ्रीका सहित विभिन्न देशों के साधक आनलाइन जुड़े और साधनापरक मार्गदर्शन प्राप्त किया।

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