असली समसà¥à¤¯à¤¾ सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ और डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ को लेकर है। उदाहरण के लिठकोई छातà¥à¤° राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°, इतिहास आदि विषयों के साथ पà¥à¤¾à¤ˆ कर रहा है और वह à¤à¤• या दो साल के बाद पà¥à¤¾à¤ˆ छोड़ देता है। à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में उसे सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ/डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया जाà¤à¤—ा।
रिपोर्ट - सà¥à¤¶à¥€à¤² उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯
कोई नीति अचà¥à¤›à¥€ है या बà¥à¤°à¥€ है, यह इस बात पर निरà¥à¤à¤° करता है कि उसे तैयार करने और लागू करने के पीछे की कà¥à¤¯à¤¾ मंशा है। कई बार अचà¥à¤›à¥€ नीतियां इस कारण फेल हो जाती हैं कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लागू करने की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ ठीक नहीं होती और अकà¥à¤¸à¤° à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ होता है कि किसी नीति में इरादतन à¤à¤¸à¥€ खामियां छोड़ दी जाà¤à¤‚ जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¯à¤¨ के दौरान ठीक कर पाना लगà¤à¤— नामà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ हो जाता है। à¤à¤• तीसरा पहलू यह à¤à¥€ है कि नीति तैयार करने वाले लोग किसी खास दिशा में ही सोच रहे हों और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अनà¥à¤¯ पकà¥à¤· जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ न लग रहे हों। इस शà¥à¤°à¤‚खला में नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति से जà¥à¥œà¥‡ à¤à¤¸à¥‡ ही कà¥à¤› पहलà¥à¤“ं पर टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ की जाà¤à¤‚गी। उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ के संदरà¥à¤ में नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति (à¤à¤¨à¤ˆà¤ªà¥€) में à¤à¤• बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बात बताई गई है कि अब सीनियर सेकेंडरी के बाद किसी à¤à¥€ डिगà¥à¤°à¥€ कोरà¥à¤¸ में à¤à¤¡à¤®à¤¿à¤¶à¤¨ लेने वाले यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के लिठमलà¥à¤Ÿà¥€-à¤à¤—à¥à¤œà¤¿à¤Ÿ और मलà¥à¤Ÿà¥€-à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ लागू होगी। यानि छातà¥à¤° अपनी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के अनà¥à¤°à¥‚प à¤à¤•, दो, तीन, चार, पांच या छह साल की पà¥à¤¾à¤ˆ कर सकेगा। पहले साल की पà¥à¤¾à¤ˆ पूरी करने पर सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ, दूसरे साल के बाद डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾, तीसरे साल पर सामानà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ, चौथे साल पर गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ विद रिसरà¥à¤š, पांचवें साल पर इंटीगà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤¡ पोसà¥à¤Ÿ गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ और छठे साल पर पोसà¥à¤Ÿ गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ विद रिसरà¥à¤š की डिगà¥à¤°à¥€ मिलेगी। इसे कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी कदम बताया जा रहा है। हालांकि, à¤à¤¸à¤¾ बिलà¥à¤•à¥à¤² नहीं है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पूरà¥à¤µ में कहीं à¤à¤¸à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नहीं रही है। पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ सोवियत संघ में लगà¤à¤— à¤à¤¸à¤¾ ही ढांचा लागू रहा है। यह देखने में काफी आकरà¥à¤·à¤• लगता है, लेकिन इसे लेकर कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• दिकà¥à¤•à¤¤à¥‡à¤‚ हैं। खासतौर से मानविकी और सामाजिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विषयों के संदरà¥à¤ में इसके वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• होने पर सवाल खड़े हैं। अà¤à¥€ तक जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¤¾à¤‚े में तीन-तीन साल के गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ पास पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® और गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ ऑनरà¥à¤¸ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® संचालित होते हैं। (कà¥à¤› साल पहले दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने चार साल का गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® शà¥à¤°à¥‚ किया था, लेकिन उसे विरोध के बाद वापस ले लिया गया था। इससे पहले यूजीसी ने चार साल का डबल डिगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¥€ आरंठकिया था, जिसमें तीन साल की पà¥à¤¾à¤ˆ पर करने पर गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ पास डिगà¥à¤°à¥€ और चौथे साल की पà¥à¤¾à¤ˆ पूरी करने पर गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ वोकेशनल डिगà¥à¤°à¥€ दी जाती थी। अब इसी में थोड़ा बहà¥à¤¤ फेर-बदल करके इसे नई पॉलिसी में शामिल किया गया है।) नई वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में दो तरह के गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® होंगे। तीन साल का गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ और चार साल का गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ विद रिसरà¥à¤š पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤®à¥¤ इन दोनों उपाधियों के संदरà¥à¤ में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दिकà¥à¤•à¤¤à¥‡à¤‚ नहीं हैं। असली समसà¥à¤¯à¤¾ सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ और डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ को लेकर है। उदाहरण के लिठकोई छातà¥à¤° राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°, इतिहास आदि विषयों के साथ पà¥à¤¾à¤ˆ कर रहा है और वह à¤à¤• या दो साल के बाद पà¥à¤¾à¤ˆ छोड़ देता है। à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में उसे सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ/डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया जाà¤à¤—ा। अब सवाल यह है कि उपरà¥à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ विषयों वाले इस सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ/डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ के आधार पर उसे रोजगार बाजार में कहां पर काम मिलेगा! उसे तà¤à¥€ काम मिल सकता है जब ये सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ/डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ किसी वोकेशनल या टेकà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤² सबà¥à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ के साथ हांे। मसलन, à¤à¤ªà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤¡ कॉमरà¥à¤¸, कंपà¥à¤¯à¥‚टर, डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤‚ग-पेंटिंग, होम साइंस, à¤à¤ªà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤¡ मैथà¥à¤¸, लैंगà¥à¤µà¥‡à¤œ-टà¥à¤°à¤¾à¤‚सलेशन, कà¥à¤°à¤¿à¤à¤Ÿà¤¿à¤µ राइटिंग आदि में तो रोजगार की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बन सकती है, लेकिन सामानà¥à¤¯ उपाधियों में पà¥à¤¾à¤ जाने वाले विषयों के आधार पर उन नौकरियों के दà¥à¤µà¤¾à¤° à¤à¥€ बंद हो जाà¤à¤‚गे जो अà¤à¥€ तक मिलती रही हैं। सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ के संदरà¥à¤ में à¤à¤• तकनीकी दिकà¥à¤•à¤¤ à¤à¥€ पैदा होगी। वो ये कि विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ बोरà¥à¤¡à¤¾à¥‡à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 10वीं के बाद सेकेंडरी सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ और 12वीं पास करने पर सीनियर सेकेंडरी सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ दिया रहा है। अब यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ और कॉलेज 12वीं के बाद à¤à¤• साल की पà¥à¤¾à¤ˆ करने पर सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ देंगे तो इससे बेहतर यह है कि संबंधित छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾ दसवीं के बाद तीन साल की पà¥à¤¾à¤ˆ करके पॉलीटेकà¥à¤¨à¤¿à¤• या अनà¥à¤¯ समककà¥à¤· संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं से डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ ही हासिल कर लेगा। इस नीति के समरà¥à¤¥à¤¨ में यह बात बार-बार कही जा रही है कि इससे यà¥à¤µà¤¾à¤“ं में सà¥à¤•à¤¿à¤² का विकास होगा और वे रोजगार-बाजार के लायक बन सकेंगे। विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ संदरà¥à¤à¤¾à¥‡à¤‚ में देखने पर साफ पता चलता है कि यह कथन उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ के लकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ और मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से पूरी तरह अलग है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सà¥à¤•à¤¿à¤²à¥à¤¡-लेबर तैयार करने का काम आईटीआई और पॉलीटेकà¥à¤¨à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का है। सेेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ विषय हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सीधे रोजगार या सà¥à¤•à¤¿à¤² से जोड़ सकते हैं। इससे थोड़ा बहà¥à¤¤ वोकेशनल à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ के साथ à¤à¥€ जोड़ा जा सकता है, लेकिन à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं, मानविकी और सामाजिक विषयों में टेकà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤² और पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤² विषयों की तरह ही सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ/डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ बांट देने से रोजगार की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ पैदा नहीं होती। इस वकà¥à¤¤ सà¥à¤•à¤¿à¤² वरà¥à¤¸à¥‡à¤œ नॉलेज का सवाल ‘सà¥à¤•à¤¿à¤²â€™ के पकà¥à¤· में à¤à¥à¤•à¤¾ हà¥à¤† है। यह à¤à¥à¤•à¤¾à¤µ नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति में à¤à¥€ साफ-साफ दिख रहा है।