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पतंजलि की बेटियाँ व्याकरण, शास्त्र से लेकर वेदों में निष्णात हो रही हैं : स्वामी रामदेव


पूर्वजों व गुरुओं से जो पाया, वही आपको दे रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि संसार के तमाम प्रलोभनों और आकर्षणों में आपको विचलित नहीं होना है। आज संसार छोटे-छोटे व्यसनों, मांसाहार, व्यभिचार, दुराचार व तमाम तरह के अमानवीय कृत्यों में फंसा जा रहा है।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज भारत

हरिद्वार, 12 दिसम्बर। स्वामी रामदेव महाराज के दिशानिर्देशन में पतंजलि गुरुकुलम् के छात्र-छात्राओं का उपनयन एवं वेदारंभ संस्कार पतंजलि योगपीठ-।। स्थित योगभवन सभागार में सम्पन्न हुआ। इसके साथ ही संकल्प पाठ भी कराया गया। इस अवसर पर पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् से वैदिक ऋषि ज्ञान परम्परा में निष्णात होकर जो मानव निर्माण होगा, वही आगे चलकर विश्व के निर्माता होंगे। उन्होंने कहा कि शिष्य गुरु के अनुकूल रहते हैं। इसी से गुरुकुल संचालित रहते हैं। हमने अपने पूर्वजों व गुरुओं से जो पाया, वही आपको दे रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि संसार के तमाम प्रलोभनों और आकर्षणों में आपको विचलित नहीं होना है। आज संसार छोटे-छोटे व्यसनों, मांसाहार, व्यभिचार, दुराचार व तमाम तरह के अमानवीय कृत्यों में फंसा जा रहा है। यज्ञोपवित, वेद, धर्म व अध्यात्म के नाम पर भी भ्रांतियाँ समाज में व्याप्त हो रही थी। पतंजलि योगपीठ ने इन सभी भ्रांतियों को समाप्त किया है। हमने किसी भी कुल, वंश, जाति व देश में पैदा हुए व्यक्ति को समान शिक्षा प्रदान की है। हमने न केवल स्त्री-पुरुषों का भेद समाप्त कर बेटियों को यज्ञोपवित धारण करवाया अपितु आज पतंजलि की बेटियाँ व्याकरण, शास्त्र से लेकर वेदों में निष्णात हो रही हैं। वेद तो आधार हैं। हमें इस युग के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के साथ वेदों को भी पढ़ना है। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान व वेदों का संगम है वैदिक ज्ञान अनुसंधान। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से आधुनिक शिक्षा में नवीन क्रांति हो रही है। स्वामी ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, मीडिया, शिक्षा, अनुसंधान, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक आदि क्षेत्रों के शीर्ष व्यक्तियों से मेरा संपर्क रहा है किन्तु मैंने एक ही बात को सबसे ऊपर रखा है कि इनमें से कौन ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी वेद परम्परा व ऋषि संस्कृति को आगे ले जाने का कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में एन.पी. सिंह, देवप्रिया, स्वामी परमार्थदेव सहित वैदिक गुरुकुलम्, वैदिक कन्या गुरुकुलम् के साधु-साध्वी बहनें, पतंजलि गुरुकुलम् के छात्र-छात्राएँ तथा उनके परिजन उपस्थित रहे।

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