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जलऋषि स्वामी चिदानन्द सरस्वती एवं वनौषधि विज्ञानी आचार्य बालकृष्ण के सानिध्य में ‘जल संवाद’ का आयोजन


आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के सभागार में जलऋषि स्वामी चिदानंद सरस्वती जी एवं वनौषधि विज्ञानी आचार्य बालकृष्ण जी के पावन सानिध्य में देश के जल विज्ञानियों की गरिमापूर्ण मौजूदगी में जलग्राम, जखनी की ओर से ‘जल संवाद’ का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

नई दिल्ली/ऋषिकेश, 22 दिसम्बर। आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के सभागार में जलऋषि स्वामी चिदानंद सरस्वती जी एवं वनौषधि विज्ञानी आचार्य बालकृष्ण जी के पावन सानिध्य में देश के जल विज्ञानियों की गरिमापूर्ण मौजूदगी में जलग्राम, जखनी की ओर से ‘जल संवाद’ का आयोजन किया गया। आज भारतीय राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर देश के विभिन्न अंचलों से आये कृषि योगियों को ‘कृषिजीवी’ सम्मान से सम्मानित किया गया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने जल संवाद के अवसर पर सभी जल वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुये कहा कि कहा कि जल हमारी जीवन रेखा है और हमारे अस्तित्व का मुख्य आधार भी है इस अवसर पर वर्तमान और भावी पीढ़ी के सुखद भविष्य के लिए अपने आस पास के जल स्रोतों का संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि ‘जल है, तो कल है’, जल है तो जीवन है। उन्होंने कहा कि “जल प्रबंधन के साथ जीवन प्रबंधन करना जरूरी है। अब हमें जल क्रान्ति को जन का्रन्ति बनाना होगा, जल चेतना को जन चेतना बनाना होगा, जल जागरण के लिये जन जागरण करना होगा। आईये जल की एक-एक बूंद के संरक्षण का संकल्प लें। जलग्राम जखनी के निदेशक, टिल्लन रिछारिया ने वार्ता के दौरान बताया कि ‘जल संवाद’ के आयोजन का उद्देश्य खेती किसानी से जुड़े कृषि कर्मियों को सीधे जल वैज्ञानिकों से रू-ब-रू कराना है । ताकि वे अपने रोजमर्रा के कामकाज को और कुशलता से कर सकें तथा वे सामयिक ज्ञान से भी परिपूर्ण हों। परंपरागत जल संवर्धन के मामले मे जलग्राम जखनी ने देश दुनिया में मिसाल कायम की है । भारत सरकार के ‘जलयोद्धा’ से सम्मानित जखनी जलग्राम के संयोजक उमाशंकर पांडेय ने बताया ‘जलग्राम’ के स्वप्नद्रष्टा तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जी ने 25 अप्रैल 2005 को विज्ञान भवन में सैकड़ों स्वैच्छिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत के गांव में जल संकट अधिक है। हमें गांव को जलग्राम के रूप में विकसित करना होगा। इस अवसर पर परंपरागत जल वैज्ञानिक अनुपम मिश्र, पद्म विभूषण निर्मला देशपांडे, प्रसिद्ध समाजसेवी मोहन धारिया, अन्ना हजारे, जैसे प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे। तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी थे । भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में तत्कालीन केंद्रीय जल मंत्री, जल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जलग्राम का सुझाव दिया, 2014 से 2016 के पश्चात यह निर्णय लिया गया कि संपूर्ण भारत के प्रत्येक जिले में 2 जल ग्राम चुने जाये। वर्तमान में 1050 जल ग्राम जल क्रांति अभियान के अन्तर्गत शामिल है। जखनी से प्रज्वलित विचार ने देश में जलग्राम को मूर्त रूप दिया। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का गुरुमंत्र लेकर उमाशंकर पांडेय ने जखनी में एक उदाहरण पेश किया जिसे नीति आयोग ने देश की एक कारगर उपलब्धि में शामिल करते हुए उसे राष्ट्रीय ‘जलग्राम’ घोषित किया।

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