महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संपनà¥à¤¨ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• धरोहर का उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• -सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 1 मारà¥à¤šà¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में उमंग, उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ शिवरातà¥à¤°à¤¿ महोतà¥à¤¸à¤µ मनाया। परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚, आचारà¥à¤¯à¥‹ और विशà¥à¤µ के अनेक देशों से आये शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं ने डà¥à¤°à¤®, ढोल-नगाड़े की ताल पर कीरà¥à¤¤à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ à¤à¤—वान शिव की बारात निकाली। महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ के अवसर पर आयोजित पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ यजà¥à¤ž में परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में दिनेश शाहरा जी और अनेक देशों से आये शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं ने विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ हेतॠविशेष आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की। महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ से à¤à¤• दिन पूरà¥à¤µ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने उतà¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥€ की यातà¥à¤°à¤¾ की। उतà¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥€ गंगोतà¥à¤°à¥€, यमनोतà¥à¤°à¥€ में गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ हजार रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के पौधे लगाने की योजना को आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤¯à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने बताया कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में चारधाम की यातà¥à¤°à¤¾ पर आने वाले शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤—वान शिव और हिमालय का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· यहां से जायें इसलिये गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ हजार रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के पौधों का रोपण और संरकà¥à¤·à¤£ किये जाने की योजना है। इस यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने पहाड़ों से पलायन कर रहे यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर रोजगार के अवसर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कराने हेतॠदिनेश शाहरा जी से विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ चरà¥à¤šà¤¾ की। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि चारों धामों के ईको फà¥à¤°à¥‡à¤‚डली सौंदरà¥à¤¯à¥€à¤•à¤°à¤£ के लिये रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· वन के साथ ही विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ औषधीय, सà¥à¤—ंधित पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अलावा आम, कचनार, मोगरा, अरà¥à¤œà¥à¤¨, पीपल, बेलिया चमेली, सीता अशोक, हरà¥à¤°à¤¾, गूलर, शीशम, आà¤à¤µà¤²à¤¾, गरूड़ आदि के पौधे रोपित किये जायेंगे ताकि पहाड़ों पर रहने वाले यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को रोजगार के अवसर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सके। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संपनà¥à¤¨ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• धरोहर का उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विविध समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚, धरà¥à¤®à¥‹à¤‚, जातियों आदि के मिशà¥à¤°à¤£ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करती है। उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° शिवपरिवार à¤à¥€ विविधता में à¤à¤•à¤¤à¤¾, समरà¥à¤ªà¤£ और पà¥à¤°à¥‡à¤® का सबसे उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ उदाहरण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करता है। à¤à¤—वान शिव के गले में सरà¥à¤ª, शà¥à¤°à¥€ गणेश का वाहन चूहा और शà¥à¤°à¥€ कारà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥‡à¤¯ का वाहन मोर है, सरà¥à¤ª, चूहे का à¤à¤•à¥à¤·à¤£ करता है और मोर, सरà¥à¤ª का परनà¥à¤¤à¥ परसà¥à¤ªà¤° विरोधी सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ होते हà¥à¤¯à¥‡ à¤à¥€ शिव परिवार में आपसी पà¥à¤°à¥‡à¤® है। अलग-अलग विचारों, पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, अà¤à¤¿à¤°à¥‚चियों और अनेक विषमताओं के बावजूद पà¥à¤°à¥‡à¤® से मिलजà¥à¤² कर रहने का संदेश शिव परिवार हमें देता है।