पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ ये है कि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ और कॉलेजों में ‘विशिषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤²à¥à¤¸ और इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸â€™ को पीà¤à¤š.डी. उपाधि के बिना ही à¤à¤¸à¥‹à¤¶à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° या पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया जा सकेगा। इनके लिठनया पदनाम ‘à¤à¤¸à¥‹à¤¶à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤°/पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° इन पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸â€™ à¤à¥€ तय कर दिया गया है। ये सब नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति के नाम पर किया जा रहा है।
रिपोर्ट - सà¥à¤¶à¥€à¤² उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯
इन दिनों यूजीसी का नया पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ चरà¥à¤šà¤¾ में है। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ ये है कि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ और कॉलेजों में ‘विशिषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤²à¥à¤¸ और इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸â€™ को पीà¤à¤š.डी. उपाधि के बिना ही à¤à¤¸à¥‹à¤¶à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° या पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया जा सकेगा। इनके लिठनया पदनाम ‘à¤à¤¸à¥‹à¤¶à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤°/पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° इन पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸â€™ à¤à¥€ तय कर दिया गया है। ये सब नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति के नाम पर किया जा रहा है। इस विचार के पीछे का दरà¥à¤¶à¤¨ बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ लग रहा है कि शिकà¥à¤·à¤¾ और उदà¥à¤¯à¥‹à¤— जगत के बीच की दूरी को खतà¥à¤® करने के लिठ‘पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤²à¥à¤¸ और इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸â€™ को विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ जोड़ा जाà¤à¤—ा। इन लोगों के आने से नई पीà¥à¥€ को उदà¥à¤¯à¥‹à¤— और वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ जगत से सीधे तौर पर जà¥à¥œà¤¨à¥‡ का मौका मिलेगा। ये à¤à¥€ बताया गया है कि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में अकादमिक वैविधà¥à¤¯ आà¤à¤—ा। लेकिन, कà¥à¤¯à¤¾ ये मामला इतना सीधा और सरल है ? इस सवाल का सही जवाब तलाशने के लिठयूजीसी के मौजूदा और पूरà¥à¤µà¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ रेगà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को देखने की जरूरत होगी। पहली बात तो यह तथà¥à¤¯ गलत है कि फिलहाल पीà¤à¤š.डी. के बिना पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° की नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं हो सकती। नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ संबंधी अब तक जितने à¤à¥€ रेगà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¨ आठहैं, उन सब में योग जैसे कई विषयों में ‘à¤à¤®à¥€à¤¨à¥‡à¤‚ट सà¥à¤•à¥‰à¤²à¤°â€™ कैटेगरी का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ पहले से ही रखा गया है। इस शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में न पीà¤à¤š.डी. आवशà¥à¤¯à¤• है और न ही कोई अनà¥à¤¯ शैकà¥à¤·à¤¿à¤• उपाधि जरूरी है। सीधे तौर पर कहें तो किसी à¤à¥€ विषय के विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° या मानद पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ किया जा सकता। पहले ये पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ सà¤à¥€ विषयों में था, बाद में इसे कà¥à¤› ही विषयों तक सिमित कर दिया गया, लेकिन इसमें सबसे बड़ा à¤à¥‹à¤² ये है कि ‘à¤à¤®à¥€à¤¨à¥‡à¤‚सी‘ यानि विदà¥à¤µà¤¤à¤¾ या पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ होने का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ किन मानकों पर किया जाà¤à¤—ा, इस पर यूजीसी खामोश ही रही है। इस कारण ‘à¤à¤®à¥€à¤¨à¥‡à¤‚ट सà¥à¤•à¥‰à¤²à¤°â€™ शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ की नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥€ सवालों के घेरे में ही रही हैं। यदि, अपने मौजूदा पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ के कà¥à¤°à¤® में यूजीसी किसी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° की चयन पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ करती है तो फिर जरूर समà¤à¤¾ जा सकता है कि à¤à¤• गंà¤à¥€à¤° पहल की जा रही है और इसके जरिये योगà¥à¤¯ लोग आà¤à¤‚गे। अब देखना यह होगा कि पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤²à¥à¤¸ और इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸ की à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ की राह सà¥à¤—म करने के लिठयूजीसी ‘à¤à¤®à¥€à¤¨à¥‡à¤‚सी‘ का सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ करेगी या इसे पूरà¥à¤µ की à¤à¤¾à¤‚ति गोलमोल रखकर किसी के लिठà¤à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚-कॉलेजों में बैक डोर à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ का रासà¥à¤¤à¤¾ खोल देगी! जब पीà¤à¤š.डी. को हटाकर किसी को à¤à¥€ इन पदों पर लाने की बात कही जाती है तो यकीनन संदेह पैदा होता है। जिन लोगों को इस शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में नियà¥à¤•à¥à¤¤ करने जा रहे हैं, उनके लिठनियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ से पहले पारà¥à¤Ÿ-टाइम पीà¤à¤š.डी. का विकलà¥à¤ª अब à¤à¥€ खà¥à¤²à¤¾ हà¥à¤† है। वैसे, इस वकà¥à¤¤ देश में पीà¤à¤š.डी. उपाधि हासिल करना जितना आसान है उतना आसान पूरà¥à¤µ में कà¤à¥€ नहीं रहा। खासतौर से पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ के मामले में तो यह सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ सà¤à¥€ को पता है। (हालांकि, तब à¤à¥€ पीà¤à¤š.डी. के नाम पर योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का à¤à¤• आवरण जरूर है, ये आवरण à¤à¥€ न रहे तो इससे हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ कà¥à¤› नहीं होगा!) à¤à¤¸à¥‹à¤¶à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤°/पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° पर नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ हेतॠअनà¥à¤à¤µ की अनिवारà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के विकलà¥à¤ª में पहले से ही शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ और उदà¥à¤¯à¥‹à¤— जगत के अनà¥à¤à¤µ का मानà¥à¤¯ किया हà¥à¤† है। इतना सब कà¥à¤› होने के बाद यदि इन लोगों की à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ संà¤à¤µ नहीं हो पा रही है तो फिर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उकà¥à¤¤ पद थाली में सजाकर परोसना ही बाकी रह जाते हैं।दूसरी बात, इस विरोधाà¤à¤¾à¤¸ को देखिठकि à¤à¤• तरफ तो सहायक पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° की नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठपीà¤à¤š.डी. को अनिवारà¥à¤¯ बनाया जा रहा और दूसरी तरफ à¤à¤¸à¥‹à¤¶à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤°/पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° के सà¥à¤¤à¤° पर गैर पीà¤à¤š.डी. को मौका देने की बात कही जा रही है। यदि पीà¤à¤š.डी. की अनिवारà¥à¤¯à¤¤à¤¾ को हटाने से उचà¥à¤š सà¥à¤¤à¤° पर योगà¥à¤¯ लोग मिलने जा रहे हैं तो फिर शà¥à¤°à¥‚आती सà¥à¤¤à¤° पर ही इसे हटा दिया जाठया फिर वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• कर दिया जाà¤à¥¤ और फिर पीà¤à¤š.डी. ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚, सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की अकादमिक/शैकà¥à¤·à¤¿à¤• योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ की अनिवारà¥à¤¯à¤¤à¤¾ को समापà¥à¤¤ कर दीजिà¤à¥¤ सà¤à¥€ लोगों को सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेकà¥à¤Ÿà¤° और इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ से ही बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ कर दीजिà¤à¥¤ और जब à¤à¤¸à¤¾ होगा, जिसकी पहल होती दिख रही है, तब इसका परिणाम à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं, समाज विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚, मानविकी विषयों और कला-केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ विषयांे को à¤à¥à¤—तना पड़ेगा। तब इनके अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨-अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ के समापन का दौर à¤à¥€ आरंठहोगा। आखिर, इन विषयों में कौन से पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤² और इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸ आà¤à¤‚गे। à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ किसी à¤à¥€ लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤•, उदार, चिंतनशील और सà¤à¥à¤¯ समाज के लिठडरावनी होगी।अब उस मूल बात पर गौर कीजिà¤, जिसके माधà¥à¤¯à¤® से यह साबित करने की कोशिश की जा रही है मौजूदा शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ और कॉलेजों में जो कà¥à¤› पà¥à¤¾à¤¯à¤¾-सिखाया जा रहा है, वह बहà¥à¤¤ उपयोगी नहीं है या फिर अपूरà¥à¤£ है। इसे उपयोगी और पूरà¥à¤£ बनाने के लिठपà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤²à¥à¤¸ और इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸ की जरूरत है। लेकिन, कà¥à¤¯à¤¾ यह इतना आसान है ? नई पहल के संदरà¥à¤ में कà¥à¤› कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• उदाहरण देखने चाहिà¤- कà¥à¤¯à¤¾ किसी बिजली बोरà¥à¤¡ का आईà¤à¤à¤¸ निदेशक वहां के चीफ इंजीनियर से इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ फीलà¥à¤¡ में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ योगà¥à¤¯ माना जाà¤à¤—ा! कà¥à¤¯à¤¾ किसी सरकारी सेलेकà¥à¤¶à¤¨ बोरà¥à¤¡ का सदसà¥à¤¯ या चेयरमैन सबà¥à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿ à¤à¥€ मान लिया जाà¤à¤—ा! किसी निजी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का पदेन कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ अपने यहां नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤°à¥‹à¤‚ के समान ही योगà¥à¤¯ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया जाà¤à¤—ा! राजनीति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के किसी पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर किसी विधायक या सांसद को अकादमिक कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठयोगà¥à¤¯ माना जाà¤à¤—ा! किसी बड़े हॉसà¥à¤ªà¤¿à¤Ÿà¤² का संचालन कर रहे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को मेडिकल कॉलेज में पà¥à¤°à¥‹à¤«à¤‚सर नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ किया जा सकेगा! इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ पैमाने पर आप मीडियाकरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ रख सकते हैं। कà¥à¤¯à¤¾ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का कोई मौजूदा पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° इसलिठसà¥à¤ªà¤¾à¤¤à¥à¤° नहीं रहेगा और उसकी जगह पर किसी पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤² को रख देेंगे कि संबंधित पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° अचà¥à¤›à¥€ नà¥à¤¯à¥‚ज़ नहीं लिख पाता या अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¤‚कर/पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥‹à¤¤à¤¾ नहीं है! यूजीसी के नठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ के लिहाज से तो उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° बना देना चाहिठजो अचà¥à¤›à¥‡ जà¥à¤—ाड़ वाहन बना देता है। (सà¥à¤•à¥‚टर के इंजन से ठेला-गाड़ी या टà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤° के इंजन को टà¥à¤°à¥‰à¤²à¥€ के साथ जोड़कर यातà¥à¤°à¥€-वाहन à¤à¤¸à¥‡ ही जà¥à¤—ाड़-मिसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने बनाठथे। इन लोगों में सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ तो है ही, लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° के लिठजरूरी संवाद-कौशल, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯-दृषà¥à¤Ÿà¤¿ और विषय की दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ-à¤à¥‚मि की समठहै!) इस कथित नई पहल के कà¥à¤°à¤® में à¤à¤• और बात पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने की जरूरत है, अà¤à¥€ à¤à¤²à¥‡ ही ये कहा जा रहा है कि पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤²à¥à¤¸ और इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸ को à¤à¤¸à¥‹à¤¶à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤°/पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° नियà¥à¤•à¥à¤¤ किठजाने से मौजूदा पदों पर कोई फरà¥à¤• नहीं पड़ेगा, लेकिन à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में जरूर पड़ेगा। देर-सवेर मौजूदा पदों पर ही इन लोगों को नियà¥à¤•à¥à¤¤/समायोजित किया जाने लगेगा। इस तरह की नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के मामले में विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ और कॉलेजों को अलग तरह के दबाव का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का ‘चोर-दरवाजा’ खà¥à¤²à¤¨à¥‡ का डर à¤à¥€ बà¥à¥‡à¤—ा। इसके अलावा नियमित नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर कांटà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚े का दौर और तेज होगा। अà¤à¥€ यह योजना केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठबताई जा रही है, लेकिन अगले चरण में डीमà¥à¤¡ और राजà¥à¤¯ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ लागू होगी ही। देश à¤à¤° के पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ तो पहले से ही इसके लिठतैयार बैठे हैं। उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ से जà¥à¥œà¥‡ लोग अचà¥à¤›à¥€ तरह जानते हैं कि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ और उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं का काम सà¥à¤•à¤¿à¤²à¥à¤¡-लेबर तैयार करना नहीं है। सà¥à¤•à¤¿à¤²à¥à¤¡-लेबर के लिठदेश में पॉलीटेकà¥à¤¨à¤¿à¤• और आईटीआई जैसी संसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ पहले से ही काम कर रही हैं। उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ किसी à¤à¥€ विषय को केवल वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• उपयोगिता या बाजार की जरूरत को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर नहीं पà¥à¤¾à¤¤à¥€à¥¤ वहां इस आदरà¥à¤¶ को हमेशा जिंदा रखा जाता है कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अचà¥à¤›à¤¾ होगा। ये संà¤à¤µ है कि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में अनेक à¤à¤¸à¥‡ शिकà¥à¤·à¤• होंगे, जिनका कारà¥à¤¯ बाजार और उदà¥à¤¯à¥‹à¤— के लिठबहà¥à¤¤ उपयोगी न हो, लेकिन यह याद रखा जाना चाहिठकि कोई à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤² उनका परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ अथवा पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ नहीं बन सकता। इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€-à¤à¤•à¥‡à¤¡à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ के बीच समनà¥à¤µà¤¯ की पहल अचà¥à¤›à¥€ बात है, लेकिन कोई पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤² या इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿ इस आधार पर समककà¥à¤· या शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ नहीं हो जाà¤à¤—ा कि वह किसी खास सरà¥à¤µà¤¿à¤¸-सेकà¥à¤Ÿà¤° या इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ में उचà¥à¤š पदसà¥à¤¥ है।