विशà¥à¤µ गौरेया दिवस की पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर गौरेया संरकà¥à¤·à¤£ में योगदान कर रहे à¤à¤¸à¤à¤®à¤œà¥‡à¤à¤¨ कालेज के बी.काम दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤· के छातà¥à¤° अकà¥à¤·à¤¤ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ ने महावि़दà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिसर में जगह-जगह गौरैयों के लिठगौरैया गृह (घोंसला) की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 19 मारà¥à¤šà¥¤ विशà¥à¤µ गौरेया दिवस की पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर गौरेया संरकà¥à¤·à¤£ में योगदान कर रहे à¤à¤¸à¤à¤®à¤œà¥‡à¤à¤¨ कालेज के बी.काम दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤· के छातà¥à¤° अकà¥à¤·à¤¤ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ ने महावि़दà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिसर में जगह-जगह गौरैयों के लिठगौरैया गृह (घोंसला) की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की। इस अवसर पर अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषदॠके अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ कालेज पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज, कालेज के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ हिमालय कà¥à¤²à¤¬ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डा.सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ विद डा.विजय शरà¥à¤®à¤¾ à¤à¤µà¤‚ विनीत सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ ने अकà¥à¤·à¤¤ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ को उनके सराहनीय कारà¥à¤¯ के लिठसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ चिनà¥à¤¹à¥ देकर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ ने कहा कि गौरेया विलà¥à¤ªà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¯ सी हो गईं हैं। शहरीकरण à¤à¤µà¤‚ पेड़ों के कटने से घरों के आंगन में फà¥à¤¦à¤•à¤¨à¥‡ और चहकने वाली गौरेया देखने को नहीं मिल रही है। à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में गौरेया-संरकà¥à¤·à¤£ के लिठयह कदम à¤à¤• मिसाल कायम करेगी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कालेज के परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤·à¥à¤ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त चलायी जा रहीं मà¥à¤¹à¤¿à¤® की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा करते हà¥à¤ कहा कि गौरेया संरकà¥à¤·à¤£ के लिठकालेज के परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤·à¥à¤ के माधà¥à¤¯à¤® से विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में घोसले लगवाये जायेगें। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ ने कहा कि पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को ईशà¥à¤µà¤° ने मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ से पहले बनाया। ईशà¥à¤µà¤° ने मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को विचारशील बनाया ताकि मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीव-जंतà¥, पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, नदी-तालाबों आदि का संरकà¥à¤·à¤£ कर सकें। पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ जीव-जंतॠके साथ मानव का गहरा संबंध है। à¤à¤• के रहने पर दूसरे का जीवन सà¥à¤–ी à¤à¤µà¤‚ आनंददायक होगा। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ने हमें हरे-à¤à¤°à¥‡ वृकà¥à¤·, चहचहाते पकà¥à¤·à¥€, कल-कल करती नदियाà¤, गगनचà¥à¤‚बी परà¥à¤µà¤¤, हरी-à¤à¤°à¥€ घाटियां आदि पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की ताकि हम आननà¥à¤¦à¤¿à¤¤ रह सकें। इस अवसर पर पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डा.सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾ ने कहा कि गौरेया à¤à¤• छोटी पकà¥à¤·à¥€ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ यह हमारे साहितà¥à¤¯, कला व संसà¥à¤•à¤¾à¤° में रची बसी है। आज इसकी संखà¥à¤¯à¤¾ समापà¥à¤¤ हो रही है। जो समाज विशेषकर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के लिठअतà¥à¤¯à¤‚त घातक है। इसके संरकà¥à¤·à¤£, संवरà¥à¤§à¤¨ की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मानव की है। अकà¥à¤·à¤¤ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गौरेया संरकà¥à¤·à¤£ के लिठकिया जा रहा यह कदम अतà¥à¤¯à¤‚त ही महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। इसके लिठहमें मिल कर संरकà¥à¤·à¤£-संवरà¥à¤§à¤¨ का संकलà¥à¤ª लेंने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। तà¤à¥€ हम इसके असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को बचा सकते हैं। डा.बतà¥à¤°à¤¾ ने बताया कि अकà¥à¤·à¤¤ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ कालेज के परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤·à¥à¤ का पà¥à¤°à¤¹à¤°à¥€ सदसà¥à¤¯ हैं। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ विद डा.विजय शरà¥à¤®à¤¾ ने बताया कि गौरेया की विलà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¤à¤¾ का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण कीट नाशकों का उपयोग, अंधाधà¥à¤‚ध शहरीकरण, पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ संवेदनहीनता व पेड़ पौधों की कटाई है। इससे हम सà¤à¥€ को बचना है। पिछले कà¥à¤› समय से गौरैया को लेकर लोगों की जागरूकता में इजाफा हà¥à¤† है और शहरों में लोग चिड़िओं के लिठघोंसले लगा रहे हैं।