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संस्कृत सप्ताह का समापन,विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्रों ने दिखायी प्रतिभा


उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रहे संस्कृत सप्ताह का आज विधिवत समापन हो गया। समापन के अवसर पर ऑनलाइन जुड़े मुख्य अतिथि पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ महावीर अग्रवाल ने कहा कि संस्कृत विश्व की भाषा है, संस्कृत में संवेदना है।महर्षि दयानन्द सरस्वती ने भी संस्कृत को भारत की आत्मा कहा था,संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार का काम स्वामी दयानन्द के दौर में खूब बढ़ा।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रहे संस्कृत सप्ताह का आज विधिवत समापन हो गया। समापन के अवसर पर ऑनलाइन जुड़े मुख्य अतिथि पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ महावीर अग्रवाल ने कहा कि संस्कृत विश्व की भाषा है, संस्कृत में संवेदना है।महर्षि दयानन्द सरस्वती ने भी संस्कृत को भारत की आत्मा कहा था,संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार का काम स्वामी दयानन्द के दौर में खूब बढ़ा। उन्होंने कहा कि विश्व में संस्कृत के सारथी ही शांति स्थापित कर सकते हैं, आज दुनियां के लोग संस्कृत में शांति खोज रहे हैं, देवभाषा संस्कृत में ही शांति स्थापित करने की क्षमता है, इसमें मानव के कल्याण की भावना निहित है । संस्कृत में निहित योग और आयुर्वेद की पूरे विश्व में स्वीकृति देखी जा रही है। भारतीय संस्कृति और संस्कृत में निहित नाना प्रकार की विधाओं को विश्व स्वीकार कर रहा है, भारतीय आहार-विहार को लोग अपना रहे हैं । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. देवीप्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि मनुष्य ज्ञान विज्ञान का केंद्र है ऐसा व्यासमुनि कहते हैं।भारत के राजाओं की श्रेष्ठताओं को हमारे शास्त्र बताते हैं, इसलिए भारतीय शास्त्रों को छात्र अवश्य पढ़ें,तभी इसके भीतर छुपे हुए गूढ़ रहस्यों को जान पाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष के ज्ञान की सीमा का कोई पारावार नहीं है, हमें संस्कृत का महत्व बढ़ाना होगा तभी भारतीय समाज सुरक्षित हो सकेगा। सप्ताह भर चली प्रतियोगिताओं का निर्णय घोषित करते हुए संयोजक डॉ अरुण कुमार मिश्र ने बताया कि भाषण प्रतियोगिता में सुनील गहतोड़ी प्रथम, पंकज जोशी द्वितीय , दीपक चंद्र पांडेय तृतीय, रोहित कुमार को सांत्वना पुरस्कार मिला। सस्वर श्लोक गायन प्रतियोगिता में एकलव्य हरितोष प्रथम, सतीश पनेरू द्वितीय,रवीश जोशी को तृतीय पुरस्कार मिला। शास्त्रार्थ प्रतियोगिता वेद में अजय दाधीच प्रथम, सागर खेमरिया द्वितीय, शास्त्रार्थ प्रतियोगिता व्याकरण में आशुतोष काला प्रथम,पंकज कुमार जोशी द्वितीय, रवीश जोशी तृतीय,सांत्वना पुरस्कार भास्कर गैरोला को मिला । कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य डॉ दामोदर परगांई ने किया। कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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