उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में चल रहे संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ का आज विधिवत समापन हो गया। समापन के अवसर पर ऑनलाइन जà¥à¥œà¥‡ मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² ने कहा कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विशà¥à¤µ की à¤à¤¾à¤·à¤¾ है, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में संवेदना है।महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने à¤à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आतà¥à¤®à¤¾ कहा था,संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° का काम सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ के दौर में खूब बà¥à¤¾à¥¤
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में चल रहे संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ का आज विधिवत समापन हो गया। समापन के अवसर पर ऑनलाइन जà¥à¥œà¥‡ मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² ने कहा कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विशà¥à¤µ की à¤à¤¾à¤·à¤¾ है, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में संवेदना है।महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने à¤à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आतà¥à¤®à¤¾ कहा था,संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° का काम सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ के दौर में खूब बà¥à¤¾à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विशà¥à¤µ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के सारथी ही शांति सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर सकते हैं, आज दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ के लोग संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में शांति खोज रहे हैं, देवà¤à¤¾à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में ही शांति सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ है, इसमें मानव के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ निहित है । संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में निहित योग और आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ की पूरे विशà¥à¤µ में सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ देखी जा रही है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में निहित नाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की विधाओं को विशà¥à¤µ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर रहा है, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आहार-विहार को लोग अपना रहे हैं । कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कर रहे कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹. देवीपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी ने कहा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का केंदà¥à¤° है à¤à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤®à¥à¤¨à¤¿ कहते हैं।à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राजाओं की शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ताओं को हमारे शासà¥à¤¤à¥à¤° बताते हैं, इसलिठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को छातà¥à¤° अवशà¥à¤¯ पà¥à¥‡à¤‚,तà¤à¥€ इसके à¤à¥€à¤¤à¤° छà¥à¤ªà¥‡ हà¥à¤ गूॠरहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को जान पाà¤à¤‚गे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की सीमा का कोई पारावार नहीं है, हमें संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का महतà¥à¤µ बà¥à¤¾à¤¨à¤¾ होगा तà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ हो सकेगा। सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ à¤à¤° चली पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िताओं का निरà¥à¤£à¤¯ घोषित करते हà¥à¤ संयोजक डॉ अरà¥à¤£ कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤° ने बताया कि à¤à¤¾à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में सà¥à¤¨à¥€à¤² गहतोड़ी पà¥à¤°à¤¥à¤®, पंकज जोशी दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ , दीपक चंदà¥à¤° पांडेय तृतीय, रोहित कà¥à¤®à¤¾à¤° को सांतà¥à¤µà¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° मिला। ससà¥à¤µà¤° शà¥à¤²à¥‹à¤• गायन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में à¤à¤•à¤²à¤µà¥à¤¯ हरितोष पà¥à¤°à¤¥à¤®, सतीश पनेरू दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯,रवीश जोशी को तृतीय पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° मिला। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता वेद में अजय दाधीच पà¥à¤°à¤¥à¤®, सागर खेमरिया दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯, शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ में आशà¥à¤¤à¥‹à¤· काला पà¥à¤°à¤¥à¤®,पंकज कà¥à¤®à¤¾à¤° जोशी दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯, रवीश जोशी तृतीय,सांतà¥à¤µà¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° गैरोला को मिला । कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन सहायक आचारà¥à¤¯ डॉ दामोदर परगांई ने किया। कà¥à¤²à¤¸à¤šà¤¿à¤µ गिरीश कà¥à¤®à¤¾à¤° अवसà¥à¤¥à¥€ ने सà¤à¥€ का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ जà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया।