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कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व की तैयारियां, तीर्थ नगरी के मंदिर दुल्हनों की तरह सजे।


श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ आज और कल मनाया जाएगा। पंडितों के अलग-अलग मतों के कारण जन्माष्टमी पर्व की तिथि में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

रिपोर्ट  - à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ शर्मा

हरिद्वार 18 अगस्त (विकास शर्मा) श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ आज और कल मनाया जाएगा। पंडितों के अलग-अलग मतों के कारण जन्माष्टमी पर्व की तिथि में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई मंदिरों में कुछ ऐसे में कुछ जगह आज तो कई जगहों पर कल जन्माष्टमी मनाई जाएगी। हरिद्वार के प्रमुख श्री कृष्ण जन्माष्टमी स्थल रेलवे स्टेशन, हार्मिलाप भवन, बाबा टहल दास भवन, गुजरांवाला भवन व अपररोड पर उत्सव की तैयारी जोरों से चल रही है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।आज अष्टमी तिथि रात नौ बजकर 20 मिनट से शुरू हो जाएगी जो शुक्रवार रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी।दो साल कोरोनाकाल में सूक्ष्म आयोजन के बाद इस बार छोटे, बड़े बुजुर्ग जन्माष्टमी को उल्लास के साथ मनाने को उत्साहित हैं। इसके लिए मंदिरों को सजाया गया है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर होने वाले मटका तोड़, नृत्य, भजन आदि विभिन्न कार्यक्रम में सभी श्रद्धालु शामिल हों और आनंद उठाएं इसके लिए धर्मनगरी के मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है मंदिरों की सजावट देखते ही बनती है।जन्माष्टमी को लेकर बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही। लड्डू गोपाल की पोशाक, बच्चों के लिए कान्हा की ड्रेस, मुकुट, बांसुरी, पालना, मिट्टी और तांबे की मूर्तियों के अलावा मिष्ठान में मक्खन मिश्री की अधिक मांग रही।।हरिद्वार के मंदिरों और अखाड़े आश्रमों में जन्माष्टमी की मौके पर झाँकियाँ सजाई जाती है।कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा|

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