परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने गांधी जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिया सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ नारा और सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के उपयोग के संदेश को याद करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के उपयोग से हमारे यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को रोजगार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगा तथा हमारा राषà¥à¤Ÿà¥à¤° समृदà¥à¤§à¤¿ की ओर बà¥à¥‡à¤—ा। गांधी जी ने यह संदेश आज से 101 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ 22 अगसà¥à¤¤ 1921 को दिया था।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने गांधी जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिया सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ नारा और सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के उपयोग के संदेश को याद करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के उपयोग से हमारे यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को रोजगार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगा तथा हमारा राषà¥à¤Ÿà¥à¤° समृदà¥à¤§à¤¿ की ओर बà¥à¥‡à¤—ा। गांधी जी ने यह संदेश आज से 101 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ 22 अगसà¥à¤¤ 1921 को दिया था। आज ही के दिन महातà¥à¤®à¤¾ गांधी जी ने ‘सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€â€™ का नारा बà¥à¤²à¤‚द करते हà¥à¤ विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी और यह अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ हà¥à¤•à¥‚मत के खिलाफ विरोध की à¤à¤• शà¥à¤°à¥‚आत थी। गांधी जी के आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ पर अनेकों à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ ने विदेशी कपड़ों का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर न केवल खादी को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया था बलà¥à¤•à¤¿ यह सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने का à¤à¤• आगाज़ था। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि गांधी जी ने हमें न केवल सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ नारा दिया बलà¥à¤•à¤¿ सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं का उपयोग करने और अपने मूल व मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ का à¤à¥€ संदेश दिया। गांधी जी ने सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ और सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ की अवधारणा से à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को अवगत कराया। साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾, हरित कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° हित की विचारधाराओं की à¤à¥€ नींव रखी। गांधी जी की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संसाधनों का समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ पूरà¥à¤£ उपयोग पर आधारित थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वनों, पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, नदियों को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और सà¥à¤‚दर बनाये रखने का संदेश दिया। उनका कथन “पृथà¥à¤µà¥€ के पास सà¤à¥€ की जरूरतों को पूरा करने के लिये परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ संसाधन हैं, लेकिन हर किसी के लालच को नहीं†यह कथन हर यà¥à¤— के लिये पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है तथा हम सà¤à¥€ के लिये पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ का सà¥à¤°à¥‹à¤¤ à¤à¥€ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि आज का दिन हमें पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर अपनी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त वसà¥à¤¤à¥à¤“ं का उपयोग करने का à¤à¥€ संदेश देता हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• न केवल हमें बलà¥à¤•à¤¿ हमारी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के लिये à¤à¥€ खतरनाक है इसलिये हमें अब ‘उपयोग करो और फेंको’ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से उपर उठकर सतत और टिकाऊ संसाधनों के विषय में सोचना होगा। अब समय आ गया है कि हम पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• को अपनी सोच, विचार और वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° से बाहर करे नही ंतो पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• हम सà¤à¥€ को दफन कर देगा।