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खनन रॉयल्टी के संबंध में ठेकेदारों के साथ बैठक


ठेकेदारों से 05 गुना की वसूली इत्यादि भ्रामक भान्ति का पटापेक्ष कर ऐसे सभी ठेकेदारों को नियमों की पर्याप्त जानकारी मुहैया कराते हुये विभाग द्वारा बिना किसी आधार के अनावश्यक रूप से रोके गये बिलों का भुगतान किये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व की भांति जो रॉयल्टी काटी जाती थी वही व्यवस्था रहेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में अधिकृत ठेकेदारों द्वारा प्रयुक्त होने वाले उपखनिजों की रॉयल्टी बिना अभिवहन पास सीधे न काटी जाये।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी /दिनांक 23 अगस्त, 2022ः जिलाधिकारी डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में खनन रॉयल्टी के संबंध में ठेकेदारों के साथ बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने सभी ठेकेदारों से रॉयल्टी के संबंध में विस्तृत चर्चा की। कहा कि शासन द्वारा नया शासनादेश जारी हुआ है, जिसमें किसी भी ठेकेदार का वेतन, कोई भी भुगतान या लंबित देय को रोकने का प्राविधान नहीं था। उन्होंने संबंधित विभागों को शासनादेश के अनुपालन में लंबित देय का भुगतान करने के निर्देश दिये हैं। इस दौरान ठेकेदारों ने कार्यबहिष्कार स्थगित कर कार्य प्रारंभ करने की बात कही। जिलाधिकारी ने ठेकेदारों से 05 गुना की वसूली इत्यादि भ्रामक भान्ति का पटापेक्ष कर ऐसे सभी ठेकेदारों को नियमों की पर्याप्त जानकारी मुहैया कराते हुये विभाग द्वारा बिना किसी आधार के अनावश्यक रूप से रोके गये बिलों का भुगतान किये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व की भांति जो रॉयल्टी काटी जाती थी वही व्यवस्था रहेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में अधिकृत ठेकेदारों द्वारा प्रयुक्त होने वाले उपखनिजों की रॉयल्टी बिना अभिवहन पास सीधे न काटी जाये। उन्होंने इस व्यवस्था से सभी अधिकृत ठेकेदारों को अवगत कराते हुए प्रचलित व्यवस्था के अन्तर्गत निर्माण कार्यों के सापेक्ष बीजकों का भुगतान किसी भी दशा में नहीं रोका जाएगा। सभी कार्यदायी संस्थाओं विभागीय निर्माण कार्यों के लिए उपखनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नियमानुसार अल्पावधि को अनुज्ञा खनन पट्टा स्वीकृत कराकर उपखनिजों का उपयोग कराये जाने का मत स्थिर किया गया। पर्वतीय क्षेत्र के ग्रामीण आंचलों की लघु निर्माण कार्यों में उपखनिजों की आपूर्ति हेतु स्थापित व्यवस्था के अनुरूप कार्यवाही व्यवहारिक न होने के कारण इसे सरलीकृत व व्यवहारिक बनाये जाने पर जोर दिया गया।

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