श्रीहरि:द्वार हमारे" देश का पंजाब"इस समय खालिस्तान की आग से"तप"रहा है और यह आग धीरे-धीरे देवभूमि उत्तराखंड में भी पहुंच चुकी है या यूं कहें की इसकी लपटें यहां "दस्तक"दे चुके चुकी हैं.
रिपोर्ट - अजय शर्मा
श्रीहरि:द्वार हमारे" देश का पंजाब"इस समय खालिस्तान की आग से"तप"रहा है और यह आग धीरे-धीरे देवभूमि उत्तराखंड में भी पहुंच चुकी है या यूं कहें की इसकी लपटें यहां "दस्तक"दे चुके चुकी हैं. यहां सवाल: देवभूमि के मान सम्मान और प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है:सवाल उठता है की""" ""क्या कारण है हमारी "मित्र पुलिस गंभीर अपराधों "के आरोपियों पर भी पुलिस को कड़ी काइयवाही क्यों नहीं करती है? हम देख रहे हैं कि हरिद्वार में कई बार बड़े हादसे हुए हैं शायद हमने उन हादसों से कोई सबक नहीं लिया? हरिद्वार की धड़कन कहे जाने वाली हर की पैड़ी पर "ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा"का विवाद सबके सामने हैं। "श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के मुख्यालय और उसकी संपत्तियों पर कब्जा करने तथा अखाड़ा प्रमुख श्री महंत ज्ञानदेव शास्त्री को जान से मारने की धमकियां लगातार दी जा रही हैं. उन्होंने संबंध में देश के" प्रधानमंत्री" से लेकर देवभूमि उत्तराखंड के मुखिया के कार्यालय से लेकर संबंधित अधिकारियों को लिखित रूप में सूचित किया है:कि उनकी जान को खतरा है। लेकिन सवाल यह उठता है की श्री महंत ज्ञानदेव शास्त्री के सुरक्षा कौन करेगा? आरोपी खुले घूम रहे हैं यहां तक की माननीय न्यायालय के आदेशों के बाद भी पुलिस प्रशासन चैन की नींद सो रहे हैं जब स्थितियां बिगड़ती हैं तो पुलिस फोर्स तैनात कर दी जाती है! लेकिन आरोपियों की कोई गिरफ्तारी नहीं होती ऐसा क्यों? हमें हरिद्वार के इतिहास में पहली बार लगे "कर्फ्यू" को नहीं भूलना चाहिए सब ने देखा है कि किस तरह से नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत खड़खड़ी पुलिस चौकी में हुई एक घटना की "चिंगारी" पूरे शहर में फैल गई थी "न्यायिक आयोग बनते रहे और हादसे होते रहे! फिर भी हमने शायदकुछ नहीं सीखा शायद हम किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं?