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प्रभु और स्व से जोड़ता है योग - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन में 35 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने आज पत्रकार बंधुओं से भेंट कर होली की शुभकामनायें भेंट की। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोेत्सव की शुरूआत विश्व शान्ति यज्ञ के साथ हुयी तथा सभी आगंतुकों का स्वागत, अभिनन्दन किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 7 मार्च। परमार्थ निकेतन में 35 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने आज पत्रकार बंधुओं से भेंट कर होली की शुभकामनायें भेंट की। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोेत्सव की शुरूआत विश्व शान्ति यज्ञ के साथ हुयी तथा सभी आगंतुकों का स्वागत, अभिनन्दन किया। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने बताया कि आज सेे कई पूर्व 16 से 18 प्रतिभागियों के साथ योग की इस यात्रा की शुरूआत हुयी जो आज एक वटवृक्ष की तरह विशाल हो गया है और पूरे विश्व को योगमय करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष अब तक 88 देशों से लगभग एक हजार प्रतिभागियों ने पंजीकरण कर लिया है तथा 25 से अधिक देशों से 75 योगाचार्य अपनी उत्कृष्ट विधाओं के साथ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग कर रहे हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि योग खुद से जुड़ने की यात्रा है, और यही संदेश हमारे पर्व और त्यौहार भी हमें देते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से वैश्विक स्तर तक भारत की अमूल्य धरोहर योग, अतुलनीय संस्कृति, वसुधैव कुटुम्बकम् का मंत्र और विविधता में एकता की संस्कृति को पहंुचाने का प्रयास करते हैं उसमें मीडिया की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से हम भारत में पूरे विश्व का दर्शन करते हैं तथा पूरा विश्व माँ गंगा के इस पावन तट पर पूरे भारत को देखता हैं। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के अनेक देशों से सेवा देने आये साधकों को स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने संदेश दिया कि यह योग महोत्सव खुद को संवारने, तराशने और तलाशने का है। आप सभी प्रभु के यंत्र के रूप में अपनी सेवायें प्रदान करें। मैट पर योग करने के साथ ही आपस में भी योग (मेलजोल) करें यही वास्तव में योग है। यह अन्तर्राष्ट्रीय फेस्टिवल के साथ अन्तर (आत्मा) का भी पर्व है। विशेष योगाभ्यास में - प्रातः 4ः30 बजे से रात 9ः30 बजे तक होगी, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी, लीला योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, डीप योग, नाड़ी योग एवं भारतीय दर्शन, डाॅस आफ प्राण, द रूट आफ यम, योग राग, सूर्योदय नाद, श्रीकृष्ण बांसुरी राग, कास्मिक हार्ट, की भी कक्षायें सम्पन्न होगी। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों, धर्मगुरूओं, विशेषज्ञों, राजनेताओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोŸारी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में होगा।

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