अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ऋषिकेश आई बैंक में सोमवार को चार दिवंगत लोगों का उनके परिजनों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान कराया। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने नेत्रदान जैसे महादान के इस पुनीत संकल्प के लिए परिजनों की सराहना की और कहा कि इससे अन्य लोगों को भी नेत्रदान के संकल्प की प्रेरणा लेनी चाहिए।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ऋषिकेश आई बैंक में सोमवार को चार दिवंगत लोगों का उनके परिजनों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान कराया। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने नेत्रदान जैसे महादान के इस पुनीत संकल्प के लिए परिजनों की सराहना की और कहा कि इससे अन्य लोगों को भी नेत्रदान के संकल्प की प्रेरणा लेनी चाहिए। एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल,उत्तराखंड निवासी पुष्पेंद्र बिष्ट (34 वर्ष) का बीते रविवार की रात को सड़क दुर्घटना में असामयिक निधन हो गया। उनके निधन के बाद पिता दयाल सिंह ने अपने दिवंगत पुत्र के नेत्रदान का संकल्प लिया। दूसरी ओर देहरादून निवासी परमवीर सिंह (31) के असामयिक निधन होने पर उनके भाई मनीष कुमार व ताऊ कमल सिंह ने दिवंगत परमवीर सिंह के नेत्रदान का संकल्प लिया। तीसरे मामले में पटेलनगर, देहरादून निवासी राकेश कुमार (31) के असामयिक निधन होने पर उनके भाई राम लखन ने दिवंगत राकेश कुमार के निधन पर उनके नेत्रदान का संकल्प लिया, उधर, देहरादून निवासी प्रदीप कुमार (27) के निधन पर उनके ताऊ ने ऋषिकेश आई बैंक से संपर्क साधकर अपने दिवंगत पुत्र का नेत्रदान कराया। उपरोक्त चारों परिवार के परिजनों से नेत्र बैंक टीम ने संपर्क साध कर नेत्रदान के लिए प्रेरित कर नेत्रदान कराया। उन्होंने बताया कि चार दिवंगत लोगों से आई बैंक को प्राप्त आठ कॉर्निया से आठ से दस लोगों को नेत्र ज्योति मिल सकेगी, जिससे वह ईश्वर की बनाई हुई रंगबिरंगी दुनिया को अपनी आंखों से देख सकेंगे। गौरतलब है कि अब तक ऋषिकेश आई बैंक (एम्स) को 590 कॉर्निया प्राप्त हुए। जिनमें से 432 का सुरक्षित ट्रांसप्लांट किया जा चुका है ।