दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर सभागार में हिलमेल फाउंडेशन और प्रभात प्रकाशन की ओर से देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत द्वितीय मैमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसमें रक्षा एवं प्रयर्टन राज्य मंत्री अजय भट्ट और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान मुख्य वक्ता थे। इस मौके पर कई मौजूदा और पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हुए।
रिपोर्ट - ऑल न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली - दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर सभागार में हिलमेल फाउंडेशन और प्रभात प्रकाशन की ओर से देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत द्वितीय मैमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसमें रक्षा एवं प्रयर्टन राज्य मंत्री अजय भट्ट और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान मुख्य वक्ता थे। इस मौके पर कई मौजूदा और पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हुए। जिसमें पूर्व इंजीनियर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, एडमिरल जी अशोक कुमार, एनसीएससी, भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट, पूर्व उप नौ सेना प्रमुख वाइस एडमिरल एम एस पंवार आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। बड़ी संख्या में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी और जनरल बिपिन रावत के चाहने वाले भी मौजूद थे। तीनों सेनाओं के एकीकरण में जनरल बिपिन रावत की भूमिका विषय पर बोलते हुए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत बहुत हाजिर जवाब थे और डीएमए में लिखे हुए नोट से मुझे लगता है कि वह गहराई से हर विषय को देखते थे। आज अगर जम्मू कश्मीर में शांति है और लोग वहां पर आराम से काम कर रहे हैं तो इसका सबसे बड़ा श्रेय जनरल बिपिन रावत को जाता है। देश की पहली सर्जिकल स्ट्राइक उन्होंने की थी और बालाकोट स्ट्राइक के बाद जब पाकिस्तान के साथ उनको मैनेज करने में भी उनका एक बड़ा रोल रहा है और आज उनकी जगह में रहकर उन चीजों को गहराई से देख रहा हूं कि उनको इन विषयों की कितनी जानकारी थी।