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सरकारी संपत्तियों पर कब्जों का खेल: प्रशासन पर भारी अतिक्रमण कारी! जिम्मेदार कौन?


देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सरकारी संपत्तियों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चलाने के निर्देश देने के बाद वर्ष 2022 में तीर्थ नगरी का स्थानीय प्रशासन नींद से जागा था इसी क्रम में अप्रैल 2022 को शासकीय भूमि से अवैध कब्जे हटाए जाने के संबंध में जिला अधिकारी विनय शंकर पांडे ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ अनेक बैठके करने के बाद

रिपोर्ट  - अजय शर्मा

हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सरकारी संपत्तियों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चलाने के निर्देश देने के बाद वर्ष 2022 में तीर्थ नगरी का स्थानीय प्रशासन नींद से जागा था इसी क्रम में अप्रैल 2022 को शासकीय भूमि से अवैध कब्जे हटाए जाने के संबंध में जिला अधिकारी विनय शंकर पांडे ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ अनेक बैठके करने के बाद उन्होंने सभी विभागों को बार-बार निर्देश दिए थे कि वह अपने अपने कार्यालय में रखें संपत्ति रजिस्टर के अनुसार सरकारी भूमिका मिलान कर लें तथा यह भी सुनिश्चित करें की उनके विभागीय संपत्ति पर कोई अवैध रूप से काबिज तो नहीं है? जिलाधिकारी ने इस संबंध में संपत्ति के अभिलेख और स्पष्ट नजरी नक्शा 1 माह के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए थे साथ ही अवैध कब्जा धारियों की सूचना देने को भी कहा था इतना ही नहीं संबंधित विभागों के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए थे की संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एक प्रमाण पत्र जारी करेंगे कि उनके यहां कौन सी शासकीय भूमि या संपत्ति उनके कब्जे में है तथा कौन सी अनाधिकृत कब्जे में है। जिलाधिकारी में कहा था की इसका अभिलेखीकरण करना सुनिश्चित करें क्योंकि यह मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता मैं से एक है। यहां यह उल्लेखनीय है कि इसके बाद लगातार हरिद्वार प्रशासन पुलिस बल के साथ 1 वर्ष से अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रहा है पिछले वर्ष अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्होंने अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान पुराने आरटीओ ऑफिस से भारत माता मंदिर तक भूपतवाला क्षेत्र में करीब 150 करोड की सिंचाई विभाग की भूमि को कब्जा मुक्त कराया है? लेकिन प्रशासन का यह दावा खोखला साबित हो रहा है इस क्षेत्र में आज भी भारी तादाद में अतिक्रमणकारियों ने कब्जे किए हुए हैं और वर्तमान में भी अतिक्रमण कारी सिंचाई विभाग की भूमि पर कब्जे कर रहे हैं जिसका प्रमाण (फोटो )आपके सामने हैं यही स्थिति अन्य क्षेत्रों की हैं तीर्थ नगरी में आज भी अरबों खरबों की शासकीय संपत्तियों पर अवैध कब्जे बरकरार हैं प्रशासन मात्र ठेले खोमचे बालों पर कार्रवाई कर रहा है लेकिन प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों के आगे प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं यही वजह है कि जिन स्थानों से अतिक्रमण हटाया गया था उन स्थानों पर पुनः कब्जों का खेल जारी है।

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