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परशुराम कुंड से फिर से हुआ भू सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का उदय


ब्राह्मण सांसदों ने परशुराम कुंड को पांचवें धाम के रूप में विकसित करने में विप्र फाउंडेशन के योगदान को भागीरथी प्रयास बताते हुए एक स्वर में सराहना की तथा कहा कि परशुराम कुंड से ही भू सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का फिर से उदय हुआ है। नई दिल्ली स्थित दि कांस्टीट्यूशन क्लब में गुरुवार रात जुटे उत्तर भारत के 16 सांसदों ने समाज और राष्ट्र से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विचार मंथन किया।

रिपोर्ट  - ऑल न्यूज़ ब्यूरो

नई दिल्ली। ब्राह्मण सांसदों ने परशुराम कुंड को पांचवें धाम के रूप में विकसित करने में विप्र फाउंडेशन के योगदान को भागीरथी प्रयास बताते हुए एक स्वर में सराहना की तथा कहा कि परशुराम कुंड से ही भू सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का फिर से उदय हुआ है। नई दिल्ली स्थित दि कांस्टीट्यूशन क्लब में गुरुवार रात जुटे उत्तर भारत के 16 सांसदों ने समाज और राष्ट्र से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विचार मंथन किया। बैठक में विप्र फाउंडेशन के संस्थापक सुशील ओझा ने अरूणाचल स्थित परशुराम कुंड पर विप्र फाउंडेशन द्वारा 51 फिट मूर्ति स्थापना प्रकल्प की प्रगति पर प्रकाश डाला तथा संगठन की ओर से किए जा रहे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी। इस विचार मंथन बैठक के समन्वयक सांसद रामचरण वोहरा व सीपी जोशी थे। हास्य कवि पदमश्री सुरेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में हुई विचार मंथन बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश चंद्र पोखरियाल, सांसद घनश्याम तिवाड़ी, जनरल डी पी वत्स, रमेश चंद्र कौशिक, कार्तिकेय शर्मा, अरविंद कुमार शर्मा, प्रियंका चतुर्वेदी, अनुराग शर्मा, जुगल किशोर शर्मा, प्रताप चन्द्र षडंगी ने अपनी बात रखी। विप्र फाउंडेशन की दिल्ली ईकाई द्वारा चंद्रकांता राजपुरोहित और कमल शर्मा के संयोजन में आयोजित समारोह में विधायक अनिल वाजपेयी, डॉ सुनील शर्मा सीए, श्रीकिशन जोशी, सत्यनारायण श्रीमाली, जितेंद्र कुमार भारद्वाज, राधेश्याम रंगा, राधेश्याम सिखवाल, आर के ओझा, बाबूलाल पारीक, परमेश्वर शर्मा, संजय शर्मा, मनोज भारद्वाज,बाबूलाल पारीक, कुलदीप शर्मा, सुशील जोशी, नितेश शर्मा,नरेश पारीक, पंडित वैभव शर्मा, राकेश खंडेलवाल, नरेंद्र पीपलवा, स्वाति शर्मा, विश्वजीत शर्मा, विद्याधर पारीक, रामफल शर्मा, योगेश कौशिक सहित अनेक विशिष्ठजन उपस्थित थे।

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