दूधिया बंध क्षेत्र के ठोकर नंबर 1 से 18 तक, चंडी दीप, बैरागी कैंप, पंतदीप, रोड़ी बेलवाला, आदि क्षेत्रों में हजारों बीघा गंगा भूमि पर भारी मात्रा में प्रभावशाली लोगों के साथ अन्य लोगों ने अवैध रूप से आलीशान भवनों सहित सैकड़ों की तादात में झुग्गी झोपड़ियां आदि डालकर व दर्जनों वाहन पार्किंग बनाकर कब्जे कर लिए हैं। और जिम्मेदार अधिकारी चेतावनी बोर्ड लगाकर गहरी नींद में सो रहे हैं जिससे गंगा भूमि पर कच्चे-पक्के निर्माण कर अवैध कब्जों का खेल निरंतर जारी हैं.
रिपोर्ट - अजय शर्मा
हरिद्वार: गंगा की भूमि पर अवैध कब्जा और निर्माण को लेकर जिम्मेदार अधिकारी कितने संजीदा हैं इसकी हकीकत तीर्थ नगरी में देखी जा सकती है। यहां दूधिया बंध क्षेत्र के ठोकर नंबर 1 से 18 तक, चंडी दीप, बैरागी कैंप, पंतदीप, रोड़ी बेलवाला, आदि क्षेत्रों में हजारों बीघा गंगा भूमि पर भारी मात्रा में प्रभावशाली लोगों के साथ अन्य लोगों ने अवैध रूप से आलीशान भवनों सहित सैकड़ों की तादात में झुग्गी झोपड़ियां आदि डालकर व दर्जनों वाहन पार्किंग बनाकर कब्जे कर लिए हैं। और जिम्मेदार अधिकारी चेतावनी बोर्ड लगाकर गहरी नींद में सो रहे हैं जिससे गंगा भूमि पर कच्चे-पक्के निर्माण कर अवैध कब्जों का खेल निरंतर जारी हैं. "चेतावनी बोर्ड लगाकर अधिकारी कहते हैं" यह भूमि सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के अधीन है इस भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण/अतिक्रमण करना "उत्तरी भारत केनाल एंड ड्रेनेज एक्ट 1873 के अंतर्गत कानूनी रूप से अपराध है" लेकिन अतिक्रमण/निर्माण करने वालों पर संबंधित विभाग क्या कार्रवाई कर रहा है इस बात की जानकारी संबंधित अधिकारियों के पास नहीं है जिम्मेदार अधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. यहां हजारों बीघा गंगा भूमि पर अतिक्रमण है इन अतिक्रमणकारियों को राजनीतिक नेताओं के साथ आध्यात्मिक जगत से जुड़े कुछ लोगों और भ्रष्ट अधिकारियों का परोक्ष, अपरोक्ष रूप से संरक्षण प्राप्त है! केंद्र सरकार भले ही गंगा को प्रदूषण मुक्त करने और गंगा किनारों को को विकसित करने का दावा कर रही हो लेकिन सच्चाई यह है कि बिना अतिक्रमण हटाए गंगा को प्रदूषण मुक्त करने और गंगा के किनारो को विकसित करने की बात करना बेमानी साबित होगा।