Latest News

एम्स ऋषिकेश की ओर से करौंदी, रुड़की क्षेत्र में नेत्रदान जनजागरुकता एवं नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की ओर से करौंदी, रुड़की क्षेत्र में नेत्रदान जनजागरुकता एवं नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 252 लोगों के आंखों की जांच की, साथ ही उन्हें दवा का वितरण भी किया गया। शिविर में 84 लोगों ने नेत्रदान की शपथ ली।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की ओर से करौंदी, रुड़की क्षेत्र में नेत्रदान जनजागरुकता एवं नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 252 लोगों के आंखों की जांच की, साथ ही उन्हें दवा का वितरण भी किया गया। शिविर में 84 लोगों ने नेत्रदान की शपथ ली। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान के नेत्र रोग विभाग व रुड़की के करौंदी स्थित बालाजी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में नेत्र परीक्षण एवं नेत्रदान जनजागरुकता शिविर आयोजित किया गया, जिसमें संस्थान के चिकित्सकों ने मरीजों की आंखों की सघन जांच की व जरुरतमंद लोगों को दवा के साथ ही चश्मे के नंबर उपलब्ध कराए। शिविर के आयोजन में नेत्र विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल, प्रोफेसर अजय अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर नीति गुप्ता, बालाजी विद्यापीठ रुड़की के प्रबंधक शिव कुमार सिंह, प्रधानाचार्य शशी चौधरी, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहमद जुनेद का विशेष सहयोग रहा। शिविर में डॉक्टर नीरज सिंह ढड्रवाल, डॉक्टर हिमानी पाल, डॉक्टर उमेश यादव,ऑप्ट्रोमेट्रिश मोहित अग्रवाल व यश शर्मा ने लोगों की नेत्र जांच की। शिविर में प्रतिभाग करने वाले संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सकों ने बताया कि परीक्षण के दौरान 46 रोगियों में मोतियाबिंद, 4 रोगियों में काला मोतिया रोग, जबकि कई अन्य बच्चों और वृद्धजनों में अपवर्तक त्रुटि का पता चला है। इन्हें चश्मे के नंबर दिए ग ए। चिकित्सकों ने आंखों की गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उपयुक्त उपचार की सलाह दी। संस्थान की डीन प्रोफेसर जया चतुर्वेदी व चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल की देखरेख में एम्स आई बैंक के प्रबंधक एवं नर्सिंग अधिकारी महिपाल चौहान, काउंसलर बिंदिया भाटिया ने लोगों को व्याख्यान के माध्यम से नेत्रदान के लिए जागरुक किया व उन्हें नेत्रदान महादान को लेकर प्रेरित किया। इस दौरान उन्होंने 84 लोगों को नेत्रदान की प्रतिज्ञा दिलाई।

ADVERTISEMENT

Related Post