एम्स ऋषिकेश के नर्सिंग अधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। ’संचार कौशल’ क्षमता निर्माण विषय पर आधारित इस कार्यशाला में सेवाभाव के प्रति नर्सों को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
यूथ-20 इंडिया के तहत एम्स ऋषिकेश के नर्सिंग अधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। ’संचार कौशल’ क्षमता निर्माण विषय पर आधारित इस कार्यशाला में सेवाभाव के प्रति नर्सों को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। आईआईटी हैदराबाद के सहयोग से एम्स ऋषिकेश में आयोजित संचार कौशल कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि नर्सिंग का क्षेत्र रोगियों की सेवा हेतु पूर्ण रूप से समर्पित सेवाभाव का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में संचार कौशल के माध्यम से हमें रोगियों की सेवा हेतु नर्सिंग कार्यों में दक्ष होने की आवश्यकता है। यूथ-20 रन अप इवेंट के रूप में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने प्रभावी संचार कौशल के अभ्यास के माध्यम से नर्सों को सशक्त बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि नर्सिंग सेवा से जुड़े लोगों को संचार कौशल में दक्षता हासिल कर अपने कार्य और जिम्मेदारियों के प्रति पूर्णरूप से सशक्त होने की जरूरत है। यह तभी संभव होगा जब हम रोगी और देखभाल प्रदाता के बीच एक मजबूत और भावनात्मक दृष्टिकोण अपनाएंगे। डीन एकेडेमिक्स प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने कहा कि नर्सों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता के साथ एक-दूसरे के बीच अपनी बातचीत का प्रबंधन करना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों और रोगी के बीच आपसी विश्वास मजबूत होता है।