आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि वर्तमान युग सनातन धर्म संस्कृति, योग और आयुर्वेद का युग है और संत सनातन धर्म का गौरव हैं। बिशनपुर कुंडी स्थित आदियोगी विद्यापीठ आश्रम में आश्रम के परमाध्यम स्वामी आदियोगी महाराज के संयोजन में आयोजित महायज्ञ के समापन पर आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि पतंजलि योग आयुर्वेद के साथ धर्म संस्कृति को आगे बढ़ाने में भी योगदान कर रहा है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिद्वार, 8 अप्रैल। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि वर्तमान युग सनातन धर्म संस्कृति, योग और आयुर्वेद का युग है और संत सनातन धर्म का गौरव हैं। बिशनपुर कुंडी स्थित आदियोगी विद्यापीठ आश्रम में आश्रम के परमाध्यम स्वामी आदियोगी महाराज के संयोजन में आयोजित महायज्ञ के समापन पर आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि पतंजलि योग आयुर्वेद के साथ धर्म संस्कृति को आगे बढ़ाने में भी योगदान कर रहा है। रामनवमी पर सौ युवा सन्यासी राष्ट्र को समर्पित कर पतंजलि ने इस दिशा में एक कदम और बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि योग व अध्यात्म के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन कर रहे स्वामी आदियोगी महाराज जैसे युवा संत सनातन धर्म का भविष्य हैं। युवा संतों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। राष्ट्र निर्माण के कार्य में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए महायज्ञ का आयोजन कर स्वामी आदियोगी महाराज ने सराहनीय कार्य किया है। कार्यक्रम का शुभारंभ संतों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद स्वामी हरि सच्चिदानंद साक्षी महाराज ने कहा कि राजसत्ता धर्म सत्ता के बिना अधूरी है और राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में संत महापुरूषों की हमेशा अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि स्वामी आदियोगी महाराज द्वारा किए गए अनुष्ठान के फलस्वरूप राष्ट्र निर्माण के कार्य में प्रधानमंत्री मोदी के मार्ग में आ रही बाधाएं दूर होंगी और भारत विश्व गुरू की पदवी पर आसीन होगा। संत समाज पीएम मोदी की दीघार्यू की कामना करता है। आयुर्वेद के प्रभाव पर चर्चा करते उन्होंने कहा कि आयुर्वेद असाध्य रोगों में भी बेहद कारगर है। कुछ वर्ष पूर्व वे डायबिटीज से बुरी तरह पीड़ित थे। पतंजलि योगपीठ में स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण की देखरेख में आयुर्वेदिक उपचार कराने के बाद अब पूर्ण स्वस्थ हैं। स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी एवं स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही योग है। योग और अध्यात्म की धारा को आगे बढ़ाते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान कर रहे स्वामी आदियोगी महाराज बधाई के पात्र हैं। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी अनंतानंद व स्वामी प्रेमानंद गिरी महाराज ने कहा कि युवा संत स्वामी आदियोगी महाराज की सनातन धर्म संस्कृति देश के प्रति अटृट आस्था प्रशसंनीय है। महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति व योग के प्रचार प्रसार में स्वामी आदियोगी महाराज उल्लेखनीय प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से वनों में रहने वाले संतों की सुरक्षा करने व उन्हें उनके स्थान से ना हटाए जाने की मांग भी की। महंत दर्शन भारती महाराज ने कहा कि वर्षो के बाद भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसा नेतृत्व मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सीएम योगी के नेतृत्व में सनातन परंपराएं निरंतर मजबूत हो रही हैं और भारत विश्व गुरू की पदवी पर आसानी होने की और अग्रसर है। स्वामी आदियोगी महाराज ने संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की संत परंपरा के माध्यम से पूरे विश्व में प्रसारित हो रहे अध्यात्मिक संदेश से विश्वपटल पर भारत की एक नयी छवि बनी है। उन्होंने कहा कि संत समाज के मार्गदर्शन में राष्ट्र निर्माण के कार्यो को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। कार्यक्रम का संचालन स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने किया। स्वामी आदियोगी महाराज, पंडित गंगा प्रसाद बड़ोला, अमित वालिया, अमित सैनी, डा.विशाल गर्ग, पंडित अधीर कौशिक, विश्वास सक्सेना ने पुष्पवर्षा का संतों का स्वागत किया। इस अवसर पर महंत रघुवीरदास, महंत सूरज दास, महंत गंगादास उदासीन, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण, स्वामी नागेंद्र ब्रह्मचारी, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, पूर्व संांसद मनोहरकांत ध्यानी आदि सहित अनेक संत व गणमान्य लोग मौजूद रहे।