मंत्री स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृति शिक्षा एवं जनपद के प्रभारी मंत्री डा0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक सपन्न हुई। बैठक में समिति द्वारा जिला योजना वर्ष 2023-24 हेतु जनपद के कुल परिव्यय 6875.34 लाख़ का विभागावार परिव्यय निर्धारण और कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
चमोली 28 अप्रैल,2023, मंत्री स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृति शिक्षा एवं जनपद के प्रभारी मंत्री डा0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक सपन्न हुई। बैठक में समिति द्वारा जिला योजना वर्ष 2023-24 हेतु जनपद के कुल परिव्यय 6875.34 लाख़ का विभागावार परिव्यय निर्धारण और कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया। इस दौरान समिति के सदस्यों द्वारा रखे गए सुझाव पर परिचर्चा भी की गई। बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदन राम दास के निधन पर दो मिनट का मौन रखते हुए शोक व्यक्त किया गया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिला योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित विकास कार्यो को गुणवत्ता एवं ईमानदारी के साथ कराना सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार ने इस बार सभी जिलों में जिला योजना का बजट भी बढाया है। उन्होंने सभी जन प्रतिनिधियों, सदस्यों एवं अधिकारियों से कहा कि जिले को विकास पथ पर आगे ले जाने के लिए एकजुट होकर कार्य किए जाए। इसके लिए उन्होंने सदस्यों के सुझाव सुने और प्रस्ताव भी लिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन प्रतिनिधियों के सुझाव एवं जन हित को ध्यान में रखते हुए अति आवश्यक योजनाओं की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए जिला योजना में समावेश किया जाए। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने प्रभारी मंत्री को विभागवार प्रस्तावित परिव्यय एवं कार्ययोजना के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि डीपीसी सदस्यों के सुझावों पर योजनाओं की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए जिला प्लान में शाामिल किया गया है। जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी विनय जोशी ने बताया कि जिला योजना वर्ष 2023-24 हेतु 6875.34 लाख का परिव्यय निर्धारित किया गया है, जिसमें 34.02 प्रतिशत चालू, बचनबद्व एवं मानदेय के लिए और 15 प्रतिशत का परिव्यय स्वरोजगार हेतु निर्धारित है। अवशेष 50.98 प्रतिशत धनराशि से नई योजनाओं पर व्यय की जानी है।