देव संस्कृति विश्वविद्यालय में उत्तराखंड सरकार एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग के साथ-साथ इंटेक संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से दस दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला में जिले स्तर पर डेस्टिनेशन गाइड के लिए प्रशिक्षण दिये जायेंगे। कार्यशाला में देव संस्कृति विश्वविद्यालय सहित कुल 40 प्रतिभागी एवं 10 शिक्षक शामिल हैं।
रिपोर्ट - ALL NEWS BHARAT
हरिद्वार 1 मई। देव संस्कृति विश्वविद्यालय में उत्तराखंड सरकार एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग के साथ-साथ इंटेक संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से दस दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला में जिले स्तर पर डेस्टिनेशन गाइड के लिए प्रशिक्षण दिये जायेंगे। कार्यशाला में देव संस्कृति विश्वविद्यालय सहित कुल 40 प्रतिभागी एवं 10 शिक्षक शामिल हैं। कार्यालय के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने कहा कि गाइड संस्कृति के संवाहक होते हैं। अगर इनका प्रशिक्षण भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक धारा के साथ हो, तो यह भारतीय संस्कृति एवं धरोहर के संगम हो सकते हैं। डॉ. पण्ड्या ने उत्तराखंड की पावन भूमि की पवित्रता एवं आध्यात्मिक सूक्ष्मता पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पर्यटन विभाग की सहायक निदेशिका श्रीमती पूनम चंद ने कहा कि संस्कृति की रक्षा एक कुशल एवं सांस्कृतिक रक्षकों द्वारा हो सकती है। श्रीमती पंत ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय की भूमि एवं यहां के वातावरण की भूरि-भूरि प्रशंसा की। जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुरेश चंद्र यादव ने उत्तराखंड पर्यटन पर विस्तार से जानकारी दी। जिला पर्यटन कार्यालय के साथ-साथ देव संस्कृति विश्वविद्यालय का पर्यटन विभाग भी इस कार्यशाला में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उद्घाटन कार्यक्रम के अंत में देसंविवि के पर्यटन विभाग प्रमुख डॉ अरुणेश पाराशर एवं डॉ उमाकांत इंदोलिया ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने देव संस्कृति विश्वविद्यालय के आध्यात्मिक वातावरण में सभी का स्वागत करते हुए सभी प्रतिभागियों शिक्षकों एवं अन्य सदस्यों का आभार किया गया। कार्यक्रम का संचालन पर्यटन विभाग के शिक्षक पंकज चंदेल द्वारा किया गया। इस अवसर पर आशीष कुमार, प्रखर पाल एवं प्राची आदि शिक्षक गण उपस्थित रहे।