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जिला प्रशासन 1996 की दुर्घटना को भूलकर फिर किसी घटना को अंजाम देने की तैयारीयों में जुटा?


हरिद्वार गंगा किनारे बने रोड़ी बेलवाला क्षेत्र 1996 से पूर्व पार्किंग स्थल हुआ करता था जहां पर बहुत सारी दुकाने गंदगी के अंबार लगे रहते थे और किसान यूनियन मार्केट शताब्दी पुल के निकट हुआ करती थी लेकिन 1996 मैं शताब्दी पुल पर हुई दुर्घटना में मरे सैकड़ों लोगों की मौत ने जिला प्रशासन के हाथ पैर फुला दिए थे क्योंकि स्नान घाटों के निकट कोई स्पेस नहीं था जिसकी वजह से रोटी बेलवाला को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था जिससे भविष्य में कोई दुर्घटना न हो जनता को खुले स्पेस में ले जाया जा सके इसलिए रोड़ी बेलवाला क्षेत्र को पार्किंग एवं अतिक्रमण मुक्त किया गया था|

रिपोर्ट  - रामेश्वर गौड़

हरिद्वार जिलाधिकारी कार्यालय पर आज रोड़ी बेलवाला क्षेत्र में पार्किंग आकर जॉन एवं ग्रीन स्पेस के रूप में विकसित किए जाने हेतु हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के अंतर्गत निर्माण कार्य हेतु स्थल चयन समिति की बैठक आयोजित हुई आपको बता दें कि हरिद्वार गंगा किनारे बने रोड़ी बेलवाला क्षेत्र 1996 से पूर्व पार्किंग स्थल हुआ करता था जहां पर बहुत सारी दुकाने गंदगी के अंबार लगे रहते थे और किसान यूनियन मार्केट शताब्दी पुल के निकट हुआ करती थी लेकिन 1996 मैं शताब्दी पुल पर हुई दुर्घटना में मरे सैकड़ों लोगों की मौत ने जिला प्रशासन के हाथ पैर फुला दिए थे क्योंकि स्नान घाटों के निकट कोई स्पेस नहीं था जिसकी वजह से रोटी बेलवाला को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था जिससे भविष्य में कोई दुर्घटना न हो जनता को खुले स्पेस में ले जाया जा सके इसलिए रोड़ी बेलवाला क्षेत्र को पार्किंग एवं अतिक्रमण मुक्त किया गया था लेकिन आज जिला प्रशासन वह पुरानी घटनाओं को भूल कर रोड़ी बेलवाला क्षेत्र में पार्किंग जोन बनाकर दोबारा इस स्पेस को भरा जा रहा है जबकि हर की पौड़ी, कांगड़ा घाट, पंतदीप पार्किंग बनाकर खाली स्पेस को पहले ही भर दिया गया है लेकिन रोड़ीबेलवाला क्षेत्र पुराने अधिकारियों ने इसीलिए खाली रखा था कि अगर स्नान घाटों पर भीड़ बड़े तो जनता को रोटीबेलवाला के खाली स्पेस में रोका जा सके जबकि पार्किंग के लिए अलकनंदा भागीरथी व् बैरागी कैम्प में पड़ी खाली भूमि हो सकती है जहां पर एक पार्किंग गड्ढा पार्किंग के नाम से पहले भी चल रही है । लेकिन जिला प्रशासन ने पार्किंग को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई भगवान ना करे के कोई बड़ा हादसा हो लेकिन अगर 1996 की सोमवती अमावस्या जैसी कोई दुर्घटना हुई तो लोग गंगा में प्राण त्यागने पर मजबूर होंगे क्योंकि जिला प्रशासन पहले ही रोड़ी बेलवाला के खाली स्पेस को पार्किंग जोन बनाकर भर रहा है।

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