जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के उपथिति में सोमवार को जिला सभागार नई टिहरी में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 की धारा-04 के अनुपालन हेतु आन्तरिक परिवार समिति एवं स्थानीय परिवार समिति के संबंध में कार्याशाला आयोजित की गई।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
टिहरी/दिनांक 28 अगस्त, 2023 जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के उपथिति में सोमवार को जिला सभागार नई टिहरी में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 की धारा-04 के अनुपालन हेतु आन्तरिक परिवार समिति एवं स्थानीय परिवार समिति के संबंध में कार्याशाला आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जिन विभागों द्वारा अभी तक कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 की धारा-04 के अनुपालन में आन्तरिक परिवार समिति का गठन नहीं किया गया है, तत्काल समिति का गठन करना सुनिश्चित कर लें। साथ ही यौन उत्पीड़न अधिनियम का अध्यन करने, समिति गठन से संबंधित सूचना को नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने, सर्तकता बरतने हेतु महिला कार्मिकों एवं पुरूष कार्मिकों की अलग-अलग बैठक करने को कहा गया। कहा कि समिति के समक्ष कोई भी शिकायत आती है, उस पर पारदर्शिता के साथ समयान्तर्गत कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। कहा कि यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों को अनदेखा न करें, मौखिक शिकायतों का भी संज्ञान लेकर कार्यवाही करें, इसमें जागरूकता और सकारात्मक वातावरण जरूरी है। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल आलोक कुमार त्रिपाठी ने प्रशिक्षण कार्याशाला में जानकारी देते हुए बताया कि मा. सर्वोच्च न्यायालय में याचित रिट याचिका संख्या 2482/2014 में पारित आदेश दिनांक 12.05.2023 के अनुपालन में आन्तरिक परिवार समिति का गठन समस्त कार्यालयाों, विभागों, सरकारी संगठनों, प्राधिकरणों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, संस्थानों, निकायों में किया जाना अनिवार्य है। इसके साथ ही प्रत्येक जिले में स्थानीय परिवार समिति भी गठित की जानी हैं। उन्होंने बताया कि कार्यालय स्तर पर आन्तरिक परिवार समिति में 50 प्रतिशत महिलाएं हो, एनजीओ अथवा महिला मुद्दों पर कार्यरत संगठनों से एक प्रतिनिधि अथवा यौन उत्पीड़न की समस्या से विज्ञ व्यक्ति को भी समिति का सदस्य नामित कर आदेश निर्गत किया जायेगा। बताया कि आन्तरिक परिवार समिति सर्विस रूल के अनुसार जांच करेगी, इसमें प्राकृतिक न्याय का अनुसरण करना है। घरेलू श्रमिक जिनकी अपनी कमेटी नही वह स्थानीय परिवार समिति में जा सकते हैं। बताया कि यौन उत्पीड़न से संबंधित लिखित शिकायत प्राप्त होने के 07 दिन के अन्दर नोटिस जारी होगा तथा 10 दिन के अन्दर समिति मूल्यांकन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। बताया कि कोई भी शिकायत घटना के 03 महीने अन्दर दर्ज हो, झूठी रिपोर्ट करने पर भी कार्यवाही की जायेगी।