बैठक में राज्य मंत्री जल शक्ति एवं जनजातीय मामले मंत्रालय भारत सरकार ने अधिकारियों से नमामि गंगे के तहत कौन-कौन से कार्य किये जा रहे हैं, के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिद्वार: विश्वेश्वर टुडु राज्य मंत्री जल शक्ति एवं जनजातीय मामले मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में शुक्रवार को डामकोठी में अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में राज्य मंत्री जल शक्ति एवं जनजातीय मामले मंत्रालय भारत सरकार ने अधिकारियों से नमामि गंगे के तहत कौन-कौन से कार्य किये जा रहे हैं, के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि नमामि गंगे में कुल 55 प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है तथा अर्थ गंगा के अन्तर्गत मां गंगा, मन्दिर, मिट्टी, महिला, मोटा अनाज(मिलेट्स) को लोगों की आजीविका से जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त घाट पर योग, घाट पर हाट, दिल्ली हाट तथा गंगा तट के अलावा गंगा की सहायक नदियों में आरती का आयोजन आदि कार्य किये जा रहे हैं। श्री विश्वेश्वर टुडु ने खेती-बाड़ी आदि के बारे में जानकारी ली तो अधिकारियों ने बताया कि 1 लाख 40 हजार के करीब किसान यहां रजिस्टर्ड हैं तथा गंगा किनारे जितनी भी खेती होती है, उसमें आर्गेनिक खेती को निरन्तर बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि गंगा के जल की गुणवत्ता बरकरार रहने के साथ ही लोगों को आर्गेनिक उत्पाद भी प्राप्त हो सकें। गंगा के आसपास पौंधारोपण के सम्बन्ध में राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पूछे जाने पर डीएफओ ने बताया कि गंगा के आसपास 220 हेक्टेयर क्षेत्र में शीशम, खैर, आवंला, बहेड़ा, हरण सहित अन्य फलदार पौंधों का रोपण किया जा रहा है, जिसका रखरखाव वन विभाग द्वारा ही किया जाता है। इसके अतिरिक्त रिजर्व फोरेस्ट में भी निरन्तर पौंधारोपण किया जा रहा है तथा गंगा वाटिका के तहत दक्ष मन्दिर के सामने पांच हेक्टेयर क्षेत्र को नगर वन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस पर राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्थानीय लोगों की भी पौंधारोपण में सक्रिय भागीदारी लेना सुनिश्चित करें। बैठक में विश्वेश्वर टुडु ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा गंगा की निर्मलता के लिये चिन्तनशील रहते हैं। इसलिये नमामि गंगे के तहत जितने भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उनका कार्य लक्ष्यानुसार पूर्ण करना सुनिश्चित करें।