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भारतीय चिंतनधारा समन्वय स्थापित करने वाली :बजरंग लाल


उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय एवं संस्कृत भारती उत्तरांचल के संयुक्ततत्वावधान में आयोजित संस्कृत सप्ताह के अन्तर्गत द्वितीय दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान हेतु आमंत्रित मुख्यवक्ता डा. बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था आज भी पश्चिम की दृष्टि से चलायमान हो रही|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय एवं संस्कृत भारती उत्तरांचल के संयुक्ततत्वावधान में आयोजित संस्कृत सप्ताह के अन्तर्गत द्वितीय दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान हेतु आमंत्रित मुख्यवक्ता डा. बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था आज भी पश्चिम की दृष्टि से चलायमान हो रही, जो कि हमारी सनातन सार्वभौमिक संस्कृति के विपरीत है, भारतीय चिंतन धारा समन्वय स्थापित करने वाली है, कभी भी सनातन संस्कृति किसी के ऊपर अपने को श्रेष्ठ मानने की नहीं रही है, हमने बहुत्व में एकत्व की दृष्टि रखी है | कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति प्रो. दिनेशचन्द्र शास्त्री ने कहा कि सनातन संस्कृति ने सम्पूर्ण विश्व को सर्वप्रथम वरण किया है | इसके पूर्व श्रावणी पूर्णिमा को डा शैलेश तिवारी के संयोजन में श्रावण्युपाकर्म पर्व का आयोजन प्रेमनगर आश्रम घाट पर किया गया | कार्यक्रम में संस्कृत सप्ताह के संयोजक डा अरुण मिश्र, मीनाक्षी, डा सुमन भट्ट, डा विनय सेठी, डा श्वेता अवस्थी, सुशील चमोली, डा उमेश शुक्ल सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र ऑनलाइन जुड़े रहे। संचालन डा कंचन तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने किया |

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