उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि उनके इस पत्र को सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना ना समझ लिया जाए। पत्र लिखते समय उनके साथ डॉ उदिता त्यागी के साथ ही यति रणसिंहानंद, यति सत्यानंद,सनोज शास्त्री,अरुण त्यागी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने अपने शिष्यों के रक्त से सर्वोच्च न्यायालय को पत्र लिख कर आई एस आई एस और उदयनिधि स्टालिन के कारनामो पर ध्यान देने की गुहार लगाई। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने रक्त लिखित पत्र में बताया कि आई एस आई एस जो भारत के इस्लामिक जिहादियों को हिन्दुओ को जलाने और मूर्त्तियों को तोड़ने का आदेश दे रहा है,ये ही इस्लाम की सच्चाई है। उदयनिधि स्टालिन जैसे लोग इसी कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।ये लोग केवल बोल नही रहे हैं बल्कि अपनी पूरी ताकत इसके लिये लगा रहे हैं।सर्वोच्च न्यायालय सहित भारत की सभी संवैधानिक संस्थायें यथा विधायिका, कार्यपालिका,न्यायपालिका, पत्रकारिता इनके इन लक्ष्यों और कृत्यों की अनदेखी करके केवल उन हिन्दुओ को कुचलने में लगा है,जो दुनिया को इस्लाम की सच्चाई बताकर अपनी आत्मरक्षा के साथ ही सम्पूर्ण मानवता की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से यह भी प्रश्न किया कि क्या सर्वोच्च न्यायालय इसी को न्याय समझता है कि हिन्दुओ को कुचला जाता रहे और उन्हें इस्लामिक जिहादियों के हाथों मरवा दिया जाए। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि उनके इस पत्र को सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना ना समझ लिया जाए। पत्र लिखते समय उनके साथ डॉ उदिता त्यागी के साथ ही यति रणसिंहानंद, यति सत्यानंद,सनोज शास्त्री,अरुण त्यागी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।