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शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता : डॉ. सत्यपाल सिंह


प्राच्य विद्या संकाय और मानविकी संकाय गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। सीनेट हॉल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह, सांसद लोकसभा ने अपने ऑनलाइन सम्बोधन में कहा|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

प्राच्य विद्या संकाय और मानविकी संकाय गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। सीनेट हॉल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह, सांसद लोकसभा ने अपने ऑनलाइन सम्बोधन में कहा कि शिक्षक और गुरु में एक बुनियादी भेद होता है प्रत्येक शिक्षक को गुरु बनने की दिशा में अग्रसर होना चाहिए उन्होने कहा गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति एक श्रेष्ठ शिक्षा पद्धति है और शिक्षक को समाज को संस्कारित शिक्षा देने का कार्य करना चाहिए। डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है। अध्यक्षीय सम्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि गुरुकुल भारतीय ज्ञान-विज्ञान और वैदिक संस्कृति का बड़ा केंद्र रहा है यहाँ की गुरु-शिष्य परम्परा अनुकरणीय है। प्रो. शतांशु ने कहा कि हमें शिक्षक दिवस के अवसर पर सनातन के उन्नयन और संरक्षण के लिए वैदिक शिक्षा दर्शन के लिए कृत संकल्पित होना चाहिए। इस अवसर पर प्राच्य विद्या संकाय और मानविकी संकाय के सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान किया गया। अँग्रेजी विभाग के पूर्व प्रो. एम०आर० वर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा को शिक्षक केन्द्रित बनाया गया है तथा शिक्षक शिक्षा का मुख्य आधार होता है इसलिए उसे शिक्षा के माध्यम से समाज के उन्नयन के लिए कार्य करना चाहिए। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित दर्शनशास्त्र के पूर्व प्रो. जयदेव वेदालंकार ने कहा गुरू की भूमिका शिष्य के व्यक्तित्व को रूपांतरित करने की होती है गुरु का कार्य है वह प्रेरणा दे तथा सकारात्मक प्रोत्साहन देकर अपने छात्रों का मार्ग प्रशस्त करे।

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