यदुवंशी राजा श्रीकृष्ण के प्राकट्य दिवस मनाने के बाद देव संस्कृति विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गौसेवा प्रकल्प का अखिल भारतीय बैठक का आज शुभारंभ हुआ। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पाण्ड्या व अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर बैठक का शुभारंभ किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिद्वार 9 सितंबर। यदुवंशी राजा श्रीकृष्ण के प्राकट्य दिवस मनाने के बाद देव संस्कृति विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गौसेवा प्रकल्प का अखिल भारतीय बैठक का आज शुभारंभ हुआ। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पाण्ड्या व अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर बैठक का शुभारंभ किया। प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि व देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि भारत का मूल्य इस राष्ट्र में जन्म लिए महान व्यक्तित्व के कारण है, जिन्होंने इंसान को इंसान बनना सिखाया और प्राणियों के अंदर भगवान के दर्शन किए। आत्मवत सर्वभूतेषु एवं वसुधैव कुटुंबकम का भाव भारतीय आध्यात्मिक की प्रमुख परंपरा है, इसके अंतर्गत वे प्रत्येक प्राणियों एवं कण-कण में ईश्वर के दर्शन करते हैं। प्रतिकुलपति ने भारत के अध्यात्म एवं आध्यात्मिक परंपरा पर भी विस्तृत जानकारी दी। आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री शंकर लाल जी ने स्वाबलंबी व सुखी भारत के लिए गौ के द्वारा भारत को मिलने वाले विविध लाभों की जानकारी दी। साथ ही गौ आधारित विभिन्न प्रकल्पों की विस्तार से जानकारी दी। श्री शंकर लाल जी ने गाय के द्वारा रोग मुक्त भारत, कर्ज मुक्त भारत, अपराध मुक्त भारत, कुपोषण मुक्त भारत, नशा मुक्त भारत, ऊर्जा युक्त भारत, रोजगार युक्त भारत, संस्कार युक्त भारत आदि का उल्लेख करते गौसेवा पर बल दिया। अखिल भारतीय संयोजक-गौसेवा श्री अजित प्रसाद महापत्र ने गौमाता के लाभ एवं विशेषताओं पर जानकारी दी। इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य श्री अजित प्रसाद एवं श्री शंकर लाल जी को हस्तनिर्मित बैग एवं मंत्र चादर भेंट कर स्वागत किया। तो वहीं श्री अजित प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पाण्डया जी को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गौसेवा प्रकल्प से जुड़े अनेक गणमान्य एवं शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के अनेक लोग मौजूद रहे।