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मधुमेह में व्यायाम व योग का महत्व


विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में एम्स द्वारा इन दिनो जनजागरूकता मुहिम संचालित की जा रही है। इस श्रृंखला में गुरुवार को संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने विभिन्न लाभप्रद जानकारियां देते हुए बताया कि यदि हम नियमित तौर से व्यायाम करें तो डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

ऋषिकेश। विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में एम्स द्वारा इन दिनो जनजागरूकता मुहिम संचालित की जा रही है। इस श्रृंखला में गुरुवार को संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने विभिन्न लाभप्रद जानकारियां देते हुए बताया कि यदि हम नियमित तौर से व्यायाम करें तो डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक डॉक्टर मीनू सिंह ने मधुमेह (डायबिटीज) की बीमारी में व्यायाम करने से होने वाले लाभ के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव व जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि शारीरिक व्यायाम एक मुख्य घटक है जो जीवन शैली को सुधारने का काम करता है। टाइप 1 मधुमेह या टाइप 2 मधुमेह या प्रीडायबिटीज वाले बच्चों और किशोरों को प्रति दिन 60 मिनट या अधिक मध्यम या जोरदार तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधि में संलग्न होना चाहिए, जिसमें कम से कम 3 दिन/सप्ताह में जोरदार मांसपेशियों को मजबूत करने और हड्डियों को मजबूत करने वाली गतिविधियां शामिल होनी चाहिए। टाइप 1 मधुमेह और टाइप 2 मधुमेह वाले अधिकांश वयस्कों को प्रति सप्ताह 150 मिनट या उससे अधिक की मध्यम से तीव्र तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधि में संलग्न होना चाहिए, जो कम से कम 3 दिन/सप्ताह में फैली हुई हो। लचीलेपन, मांसपेशियों की शक्ति और संतुलन को बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर योग और ताई ची को शामिल किया जा सकता है। टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए, मन-शरीर प्रथाओं - योग, गहरी साँस लेना और ध्यान जैसी चीजों का उपयोग - रक्त शर्करा (रक्त शर्करा) के स्तर को और कम कर सकता है। मन-शरीर व्यायाम न केवल मन को शांत और आराम देने में मदद करते हैं, जिससे किसी को इस समय अधिक उपस्थित रहने की अनुमति मिलती है, बल्कि वे शरीर में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं।

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