परमार्थ निकेतन में 36 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर हुआ। आदियोगी की पावन धरती पर योग के महाउत्सव का शुभारम्भ हुआ।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
ऋषिकेश, 8 मार्च। परमार्थ निकेतन में 36 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर हुआ। आदियोगी की पावन धरती पर योग के महाउत्सव का शुभारम्भ हुआ। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज शिवरात्रि के अवसर पर शिवरात्रि के आध्यात्मिक महात्व को साझा करते हुये कहा कि शिव तीन शब्दों से मिलकर बना है ’’श अर्थात शरीर, ई अर्थात ऊर्जा और व अर्थात मोशन’’। आज विश्व महिला दिवस भी है शिव व शक्ति दोनों का समन्वय ही इस सृष्टि का समन्वय है। “शिव और शक्ति दो नहीं, एक हैं। योग, शिव और शक्ति का मिलन है। स्वामी जी ने कहा कि जीवन का योग ही मार्ग है, प्रेम ही मार्ग है और शांति ही मार्ग है। योग और ध्यान हमारे दृष्टि, हमारे विचार और हमारे चिंतन को एक दिशा प्रदान करते हैं। स्वामी जी ने कहा कि शिवरात्रि पर ध्यान साधना के माध्यम से आप स्वयं से जुड़े, अपने परमात्मा से जुड़े और समष्टि से जुड़े यही है शिव से स्व की यात्रा है यही शिव से समष्टि की यात्रा है। महाशिवरात्रि तो शून्यता से विशालता के दर्शन कराती है इसलिये आज की रात्रि जागरण की रात्रि के साथ हम सभी के जीवन की जागृति की रात्रि भी हो। शिवरात्रि अंतर्मन का नाद सुनने के लिये है अन्तर्मन से जुड़ने, अपनी अन्र्तचेतना से जुड़ने, अपने स्व से जुड़ने और शिवत्व से जुड़ने का है। शिव परिवार की विविधता ’’विविधता में एकता का उत्कृष्ट संदेश देती है। उत्तराखण्ड के तो कण-कण में शिव का वास हंै। आइये इस शिवरात्रि पर हम सभी ’’शिवाभिषेक के साथ धराभिषेक’’ की ओर बढ़े।