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धरती है तो हम हैं पृथ्वी में निवेश करें - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


हमारा फैशन व हमारी दिनचर्या पृथ्वी से उसके अस्तित्व को छीन रही है इसलिये प्राकृतिक और पारम्परिक जीवनशैली अपनाना होगा ताकि प्लास्टिक का उपयोग कम से कम हो।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश, 22 अप्रैल। आज विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिये एकजुटता का संदेश देते हुये कहा कि हमारा फैशन व हमारी दिनचर्या पृथ्वी से उसके अस्तित्व को छीन रही है इसलिये प्राकृतिक और पारम्परिक जीवनशैली अपनाना होगा ताकि प्लास्टिक का उपयोग कम से कम हो। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में हमारी लाइफस्टाइल हमारी धरा को विषाक्त कर रही है इसलिये हमें उसका समाधान निकालना होगा ताकि हमारी हवा, मिट्टी और जल प्रदूषण के साथ माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण को भी कम किया जा सके क्योंकि प्लास्टिक व सिंथेटिक का हर टुकड़ा हमारी पृथ्वी से उसके अस्तित्व को छीन रहा है। अब समय आ गया है कि हम अपनी बदलती लाइफस्टाइल पर नहीं बल्कि एक स्थायी दुनिया, प्राकृतिक सौन्दर्य और अपने ग्रह पर निवेश करें। स्वामी जी ने युवाओं को आह्वान करते हुये कहा कि अपने भविष्य के लिये आप स्वयं अपनी आवाज बने। अपनी धरती और अपने भविष्य को संरक्षित के लिये हरित राजदूत बनकर पर्यावरण संरक्षण हेतु अपनी आवाज को बुलंद करें। आज की परमार्थ निकेतन गंगा आरती में स्वामी जी ने प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने का आह्वान करते हुये कहा कि प्लास्टिक न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए बल्कि हमारी धरती के लिये भी खतरा है। वर्तमान समय में भारी मात्रा में प्लास्टिक कचरा हमारे महासागरों, झीलों और नदियों को अवरुद्ध कर रहा है और धरती पर जमा हो रहा है, जो पौधों, वन्य व जलीय जीवों के लिए हानिकारक है। प्लास्टिक प्रदूषण मानव स्वास्थ्य की ओर बढ़ता हुआ एक भयानक खतरा है।

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