एम्स,ऋषिकेश के कर्ण, नासा एवं कंठ शल्योपचार विभाग (ईएनटी) की ओर से डीएसबी इंटरनेशल स्कूल में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में कानों की जांच की गई। जिसमें 221 बच्चों व शिक्षकों का सघन परीक्षण व उपचार किया गया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
एम्स,ऋषिकेश के कर्ण, नासा एवं कंठ शल्योपचार विभाग (ईएनटी) की ओर से डीएसबी इंटरनेशल स्कूल में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में कानों की जांच की गई। जिसमें 221 बच्चों व शिक्षकों का सघन परीक्षण व उपचार किया गया। एम्स के ईएनटी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनु मल्होत्रा और डॉ. मधु प्रिया की देखरेख में शनिवार को गुमानीवाला स्थित देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी इंटरनेशनल स्कूल में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें विभाग की रेजिडेंट चिकित्सक डॉ. अंकिता, डॉ. अनिल और डॉ. ज्योति ने स्कूल में अध्ययनरत बच्चों व शिक्षकों की सघन जांच की। विभागाध्यक्ष प्रो. मनु मल्होत्रा ने बताया कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग के आउटरीच सर्विस सेंटर, मैसूर (कर्नाटक) के सहयोग से आयोजित जांच शिविर में एम्स के ऑडियोलॉजिस्ट नरेंद्र कुमार, आउटरीच सर्विस सेंटर की ऑडियोलॉजिस्ट सुश्री सूमोक्षि तिवारी, स्पीच पैथोलॉजिस्ट सुश्री मानसा व इंटर्न श्री सरोज की गठित ऑडियोलॉजिस्ट टीम व विभाग के चिकित्सकों ने इस शिविर में 200 स्कूली बच्चों के साथ-साथ 21 शिक्षकों की श्रवण संबंधी विकारों का सघन परीक्षण किया। शिविर के माध्यम से जिन बच्चों के सुनने की क्षमता कम होती है और शिक्षक या आस- पास के लोगों को वह अपनी बातों को समझा नहीं पाते आदि बहुत सी समस्याओं का बच्चों को सामना करना पड़ता है, इन समस्याओं का निदान किया गया। उन्होंने बताया कि 5 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए लगाए गए परीक्षण शिविर में काफी संख्या में बच्चों की कानों से सुनने की शक्ति में कमी पाई गई। उन्होंने बताया कि यह आयोजन कानों की देखभाल और सुनने की शक्ति की नियमित जांच के महत्व को लेकर जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया। खासतौर से वाल्यकाल में इस तरह की समस्याओं का समय रहते उचित उपचार व निदान नहीं होने से अधिक जोखिम बढ़ जाता है। विभागाध्यक्ष ने बताया कि एम्स संस्थान की ओर से भविष्य में नियमिततौर से इस तरह के जनजागरुकता शिविरों का आयोजन सततरूप से किया जाएगा, जिससे श्रवण संबंधी बीमारियां और नहीं बढें। शिविर के आयोजन में डीएसबी स्कूल के प्रधानाचार्य शिव सहगल व शिक्षकों ने सहयोग प्रदान किया।