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पूज्य बापू अद्भुत, अलौकिक व दिव्य संत ; स्वामी चिदानन्द सरस्वती


विख्यात मानस कथाकार पूज्य बापू और वाराणसी के प्रसिद्ध संत महामंडलेश्वर सत्वा बाबा जी महाराज परमार्थ निकेतन पधारे। परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों व आचार्यों ने वेद मंत्रों, शंख ध्वनि और पुष्पवर्षा कर पूज्य बापू का अभिनन्दन किया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश, 6 मई। विख्यात मानस कथाकार पूज्य बापू और वाराणसी के प्रसिद्ध संत महामंडलेश्वर सत्वा बाबा महाराज परमार्थ निकेतन पधारे। परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों व आचार्यों ने वेद मंत्रों, शंख ध्वनि और पुष्पवर्षा कर पूज्य बापू का अभिनन्दन किया। परमार्थ निकेतन के दिव्य प्रांगण में स्वामी चिदानन्द सरस्वती , पूज्य बापू और साध्वी भगवती सरस्वती की दिव्य भेंटवार्ता हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर होने वाले साधकों के लिये पूज्य बापू एक मार्गदर्शक शक्ति हैं। पूज्य बापू का गहन ज्ञान साधकों की आत्मा के लिये पोषण है, युवाओं को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की राह दिखाता है और साधकों को प्रभु श्रीराम की भक्ति की शक्ति के दर्शन कराता है। पूज्य बापू ने श्रीराम कथा के माध्यम से समाज के उन वर्गों तक पहुंचने की कोशिश की जो कि हाशिये पर रह रहे थे। जिस प्रकार प्रभु श्री राम ने चाहे शबरी हो या सुग्रीव, केवट हो या निषाद्राज सभी को गले लगाया उसी प्रकार पूज्य बापू ने हर उस समुदाय में जाकर कथा कहीं जो समाज की मुख्य धारा में नहीं थे। वे प्रभु श्री राम का संदेश प्रत्येक प्राणीमात्र तक पहुंचाने हेतु निरंतर अद्भुत प्रयास कर रहे हैं। भगवान श्री राम ने रामसेतु का निर्माण किया और पूज्य बापू राष्ट्र सेतु का निर्माण कर रहे हैं। वे अद्भुत हैं, अलौकिक हैं और दिव्य संत है। स्वामी जी ने कहा कि सदियों से, युगों से भारत मानवता का प्रेरणास्रोत व शाश्वत स्रोत रहा है। इस स्रोत को युगों-युगों से पूज्य संतों, ऋषियों, मनीषियों और कथाकारों द्वारा प्रवर्धित, पुनर्जीवित और जीवंत बनाये रखा है। कई बार बाह्य जीवन में निराशाजनक परिस्थितियों के बावजूद भारतीय मानस दिव्य संदेशों, सत्संग व कथाओं के माध्यम से सर्वोच्च वास्तविकता से जुड़ा हुआ है और ईश्वर, मनुष्य और प्रकृति के मध्य की शाश्वत वास्तविकता को स्वीकार करता है साथ ही पूर्ण आस्थावान जीवनशैली को अंगीकार भी करता है।

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