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शांति से एक साथ रहने हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस, मतभेदों और विविधता में एकजुट का संदेष


श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ’प्रेमयज्ञ’ में सहभाग कर गुजरात सहित देष के विभिन्न प्रदेषों से आये श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुये कहा कि श्रीमद् भागवत कथा, भक्ति मार्ग पर चलने का सबसे सहज पथ है।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेष, 16 मई। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने गीता भवन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ’प्रेमयज्ञ’ में सहभाग कर गुजरात सहित देष के विभिन्न प्रदेषों से आये श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुये कहा कि श्रीमद् भागवत कथा, भक्ति मार्ग पर चलने का सबसे सहज पथ है। कथा श्रवण से प्रभु की भक्ति, भक्ति की षक्ति और फिर मुक्ति प्राप्त होती है। श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ’प्रेमयज्ञ’ श्री स्वामी मूर्तिमंत जी महाराज (जो कि गुजरात के 9 इस्काॅन टेम्पल्स के प्रमुख हैं) के मुखारविंद से हो रही है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हमारे षास्त्र हमें विविधता में एकता, प्रेम, षान्ति और एकजुटता के साथ रहने का संदेष देते हंै। आज ’इंटरनेशनल डे ऑफ लिविंग टूगेदर इन पीस’ के अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि शांति से एक साथ रहने से तात्पर्य है आपसी मतभेदों से ऊपर उठकर जीवन में आगे बढ़ते हुये दूसरों को सुनना व सम्मान करना है। जब तक हम दूसरों को सुनेंगे, समझेंगे व संवाद स्थापित नहीं करेंगे तब तक समस्याओं का समाधान प्राप्त नहीं हो सकता। वर्तमान समय में बहुत जरूरी है व्यक्तियों और समुदायों के बीच शांति, सहिष्णुता, समावेशिता, समझ और एकजुटता को बढ़ाना। जब तक व्यक्ति, समाज, राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, आपसी सम्मान और सद्भाव स्थापित नहीं होता तब तक षान्ति की संस्कृति स्थापित नहीं की जा सकती।

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