प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण एवं ग्राम्य विकास विभाग मंत्री गणेश जोशी ने शनिवार को विकास भवन सभागार नई टिहरी में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
टिहरी/दिनांक 15 जून, 2024 प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण एवं ग्राम्य विकास विभाग मंत्री गणेश जोशी ने शनिवार को विकास भवन सभागार नई टिहरी में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ने जल संरक्षण, एनआरएलएम, कृषि, उद्यान, सैनिक कल्याण, जल संस्थान एवं पीएमजीएसवाई के कार्यों की स्थिति की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। केन्द्र एवं राज्य सरकार का लक्ष्य जनता की सरकार, जनता के द्वार का है, इसलिए अधिकारी सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही पात्र व्यक्तियों को लाभ पहंुचाना सुनिश्चित करें। बैठक में कैबिनेट मंत्री ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को पूर्ण तैयारी एवं आंकड़ों के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिये। कहा कि अधिकारी फिल्ड में जाकर किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करें। समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री जोशी ने जल संरक्षण के कार्याें की जानकारी लेते हुए भूमि सुधारीकरण, वनीकरण एवं विभिन्न विभागों द्वारा कन्वर्जन में कार्य करने पर जोर देने को कहा। पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु अमृत सरोवरों को व्यवस्थित करें। ट्राउट फिश को कलस्टर बेस पर करने तथा समितियां बढ़ाने को कहा गया। राज्य सरकार का संकल्प स्वयं सहायता समूह की बहनों को 2025 तक डेढ लाख बहनों को लखपति दीदी बनाये जाने का लक्ष्य है, इसको लेकर कार्य करने के निर्देश दिये गये, इस पर पीडी डीआरडीए ने बताया कि जनपद में 07 हजार 276 बहनें लखपति दीदी हैं। सैनिक कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान विद्यालयों एवं मार्गों का नाम शहीद सैनिकों के नाम से करने, सैनिक विश्राम गृह नरेन्द्रनगर के मरम्मत कार्याें का प्रस्ताव उपलब्ध कराने तथा सैनिक विश्राम गृह ठहरने का शुल्क बढ़ाने को कहा गया। कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान कैबिनेट मंत्री ने मिलेट्स, फसल बीमा, जैविक उत्पाद, पीएम किसान निधि, आत्मा योजना, बीज एवं रसायन वितरण आदि की जानकारी लेते हुए कहा कि प्रदेश का मोटा आनाज (मिलेट्स) सबसे बेहत्तर पाया गया है, इसके उत्पादन को बढ़ाने हेतु कार्य करें। उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान बीज वितरण, फसल बीमा, पॉलीहाउस, मशरूम, मौन पालन, फूड प्रोसेसिंग यूनिट आदि की जानकारी लेते हुए किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय से बीज उपलब्ध कराने तथा उपज को पहुंच मार्ग तक लाने हेतु ट्राली लगाने के निर्देश दिये गये।