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श्रीमद् भागवत कथा के दिव्य मंच से स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने दिया संदेश ’’हम दो, हमारे दो, सबके दो, जिसके दो उसी को दो’’


विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में रहने वाले सभी परिवारों पर ’हम दो, हमारे दो, सबके दो’ यह लागू हो।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश, 11 जुलाई। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में रहने वाले सभी परिवारों पर ’हम दो, हमारे दो, सबके दो’ यह लागू हो। जिसके दो बच्चें हैं उसी को सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधायें मिले अर्थात ’जिसके दो बच्चें हों उसी को सुविधायें दो’ क्योंकि यह देश के उज्वल भविष्य के लिए यह बहुत जरूरी है। आज हम विश्व जनसंख्या दिवस मना रहे हैं परन्तु अब बात संख्या की नहीं संसाधनों की हैं क्योंकि संसाधन नहीं तो सुरक्षा नहीं; समृद्धि नहीं; संस्कृति नहीं और संतति भी नहीं बचेगी इसलिये हम सभी को इस पर ध्यान देना होगा। स्वामी जी ने दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन करते हुये कहा कि आप ऐसी दिव्य शक्ति हैं जिन्होंने जनमानस को भारतीय संस्कृति का संदेश देकर झंकृत किया है; देश के युवाओं को संस्कार व संस्कृति की दिशा प्रदान कर रही हैं। आपने सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिये अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्रीमद् भागवत कथा के मंच से संदेश दिया कि ’’हम दो, हमारे दो, सबके दो, जिसके दो उसी को दो’’ ये बात मैंने वर्ष 2013 में प्रयागराज महाकुम्भ में आयोजित धर्म संसद में कही थी। अब समय आ गया कि अब यह धर्म संसद तक ही सीमित न रहे बल्कि यह संसद का भी धर्म बने’’। हमें चिंतन करना होगा कि जनसंख्या बढ़ रहीं हैं परन्तु हमारे पास रहने के के लिये जमीन कहां हैं? शुद्ध वायु, शुद्ध जल कहां हैं? इसलिये दो बच्चों से अधिक वालों को सरकारी सुविधाओं को प्राप्त करने का अधिकार, वोट देने का अधिकार, सरकारी नौकरी आदि प्राप्त न हो नहीं तो बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता।

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