आज सुबह हर की पौडी पर गंगा में हरकीपौड़ी नाईसोते का गंदानाला गंगा में बहाया जा रहा है जो इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है जबकि इसी गंदे पानी को लाखों शिव भक्त हर की पौडी से कावड़ में भरकर ले जा रहे हैं। हर माह डीजीसी की बैठक में तमाम मुद्दे रखे जाते हैं लेकिन कोई भी अधिकारी आदेशों को मानने को तैयार नहीं है।
रिपोर्ट - RAMESHWAR GAUR
हरिद्वार कावड़ मेल को लेकर सरकार एवं जिला प्रशासन गंभीर अवश्य दिखाई देता हो चाहे भले ही सरकार एवं जिला प्रशासन गंगा के पवित्र जल को कावड भरकर कावड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने का दावा कर रहा हो लेकिन आज सुबह हर की पौडी पर गंगा में हरकीपौड़ी नाईसोते का गंदानाला गंगा में बहाया जा रहा है जो इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है जबकि इसी गंदे पानी को लाखों शिव भक्त हर की पौडी से कावड़ में भरकर ले जा रहे हैं। हर माह डीजीसी की बैठक में तमाम मुद्दे रखे जाते हैं लेकिन कोई भी अधिकारी आदेशों को मानने को तैयार नहीं है बैठक के बाद उन आदेशों को रड्डी की टोकरी में डाल दिया जाता है इतना बड़ा मेला जहां पर गंगा से करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुडी हुई है ऐसे में अगर भगवान को सीवर वाला गंदा पानी इन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हरिद्वार आए शिव भक्त कावड़ में भरकर ले जाने पर मजबूर हैं जबकि ऐसे अधिकारियों पर ₹500000 का जुर्माना का भी प्रावधान है लेकिन ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कौन कार्यवाही करें यह एक सोचने का विषय है।