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भोजन हेतु इन विद्यालयों में दो गैस सिलेण्डर और एक चूल्हा, राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को शिक्षा निदेशालय, ननूरखेड़ा, देहरादून में अमर उजाला द्वारा आयोजित ‘मेधावी छात्र सम्मान’ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए प्रदेश भर से आए 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण 108 मेधावी छात्र छात्राओं को सम्मानित किया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

देहरादून 24 अगस्त, 2024, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को शिक्षा निदेशालय, ननूरखेड़ा, देहरादून में अमर उजाला द्वारा आयोजित ‘मेधावी छात्र सम्मान’ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए प्रदेश भर से आए 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण 108 मेधावी छात्र छात्राओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा कि की राज्य के 2871 विद्यालयों में मिड डे मील योजना के तहत बनने वाले भोजन हेतु इन विद्यालयों में दो गैस सिलेण्डर और एक चूल्हा, राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। इस पर लगभग 2 करोड़ 15 लाख का व्यय आयेगा। मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी मेधावी विद्यार्थी भविष्य के कर्णधार हैं, जो आने वाले समय में विभिन्न क्षेत्रों में जाकर अपनी सर्वाेच्च सेवाएं देंगे। मेधावी छात्र सम्मान जैसे कार्यक्रम छात्रों को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा देश एवं राज्य का भविष्य हमारे युवाओं, विद्यार्थियों के हाथों में है। मेधावी विद्यार्थियों ने प्रतिभा से अपने परिजनों, विद्यालय, शिक्षकों एवं सरकार को भी गौरवान्वित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मान के साथ ही सभी विद्यार्थियों ने अपने जीवन में नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा विद्यार्थियों की सफलता के पीछे उनके परिजनों के साथ ही गांव, जिले, राज्य की भावनाएं और उम्मीदें जुड़ गई हैं। अब परिजनों के साथ ही अपने स्कूल, जिले और राज्य का नाम रोशन करना मेधावी विद्यार्थियों का कर्तव्य और संकल्प होना चाहिए। छात्र छात्रों की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बननी चाहिए। उन्होंने कहा सम्मानित होने वाले कई विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि एवं विषम भौगोलिक परिस्थितियों से आते हैं, जो कि उनकी मेहनत और लगन का दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 को राज्य में लागू किया गया है। देश का सामाजिक और आर्थिक विकास उसकी शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली और उच्च शिक्षा को नए आयाम मिलेंगे, कौशल विकास से युवाओं को कार्यकुशल बनाया जाएगा। बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी। शोध और अनुसंधान को भी प्रोत्साहन मिलेगा और वैज्ञानिक सोच का विकास होगा।

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