एम्स ऋषिकेश के नेत्र रोग विभाग एवं परमार्थ निकेतन आश्रम, स्वर्गाश्रम के संयुक्त तत्वावधान में 39 वें राष्ट्रीय नेत्रदान जागरुकता पखवाड़े के तहत नेत्रदान महादान जागरुकता अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
एम्स ऋषिकेश के नेत्र रोग विभाग एवं परमार्थ निकेतन आश्रम, स्वर्गाश्रम के संयुक्त तत्वावधान में 39 वें राष्ट्रीय नेत्रदान जागरुकता पखवाड़े के तहत नेत्रदान महादान जागरुकता अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान के नेत्र रोग विभाग की ओर से नेत्रदान जनजागरुकता अभियान चलाया गया। जिसमें परमार्थ निकेतन आश्रम के स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनिजी व साध्वी भगवती सरस्वती जी ने परमार्थ निकेतन घाट पर गंगा महाआरती में नेत्रदान की मुहिम को एम्स के नेत्र रोग विभाग के साथ मिलकर आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने नेत्रदान महादान के मिशन को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ सम्पूर्ण भारत वर्ष से जुटे सर्वसाधारण जनमानस से नेत्रदान महादान के लिए आगे आने की अपील की। इस अवसर पर लोगों को खासतौर से नेत्र दान महादान के लिए जागरुक किया गया व संबंधित भ्रांतियों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर एम्स के चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्ररोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉ.) संजीव कुमार मित्तल व डॉ. नीति गुप्ता ने गंगा आरती में शिरकत करने आए लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करते हुए बताया कि व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत होने वाले नेत्रदान से बढ़कर कोई दूसरा दान नहीं है। उन्होंने नेत्र दान को महादान की संज्ञा देते हुए बताया कि एक व्यक्ति के नेत्रदान के संकल्प से दो लोगों की अंधेरी दुनिया में जीवनपर्यंत उजियारा हो सकता है और वह ईश्वर की बनाई हुई रंगबिरंगी दुनिया को देख सकते हैं। आश्रम के स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी ने बताया कि इस पुण्य कार्य को और आगे बढ़ाने के लिए ऋषिकेश आई बैंक के साथ मुहिम चलाई जाएगी। इस दौरान उन्होंने लोगों को नेत्रदान महादान का मां गंगा और आकाश गंगा के समक्ष नेत्रदान का संकल्प दिलाया व उन्हें नेत्रदान के महत्व से अवगत कराया। इस अवसर पर संपूर्ण आश्रम परिवार ने भी नेत्रदान का संकल्प लिया।