राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर कहा कि गणेश चतुर्थी हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये उत्सव पुरे भारत में मनाया जाता है। लेकिन खासतौर से महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर कहा कि गणेश चतुर्थी हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये उत्सव पुरे भारत में मनाया जाता है। लेकिन खासतौर से महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस उत्सव को माता पार्वती और भगवान शिव के प्यारे पुत्र गणेश जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। ये उत्सव गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना के बाद से शुरू होता है और लगातार दस दिनों तक चलता है। उन्होंने कहा कि भगवान गणेश को सौभाग्य, समृद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। ऐसे में गणेश पूजन से घर में सुख समृद्धि का वास होता है। गणेश भगवान हमारे जीवन में बुद्धि, समृद्धि और सुख लाने के लिए जाने जाते हैं। विघ्नहर्ता, जो हमारे जीवन की बाधाओं को दूर करते हैं। उनकी पूजा करने से हमें ज्ञान, सुख और समृद्धि मिलती है। भगवान गणेश की महिमा की जानकारी हमारी पौराणिक कथाओं में मिलती है, जो उनकी बुद्धि और साहस को दर्शाती है। साथ ही किसी भी मांगलिक कार्य में गणेश जी को प्रथम देवता या प्रथम निमंत्रण देवता के रूप में भी पूजा जाता है, इसलिए गणेश चतुर्थी का दिन गणेश जी की स्तुति में विशेष माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि जिन लोगों के काम अधूरे रह जाते हैं या काम-धंधे में तरक्की नहीं मिल पाती, उन्हें गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा को घर पर जरूर लाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि दर्शन करने वालों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। गणेश जी की बैठक तक पंडालों और आस पास के गली मोहल्ले में रौनक बनी रहती है।