राष्ट्रीय पोषण माह के मौके पर मंत्री रेखा आर्या ने महिलाओं को महालक्ष्मी किट, पोषण किट,स्वच्छ्ता किट और वैष्णवी किट किए वितरित।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वार : आज महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या हरिद्वार के सलेमपुर में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आयोजित " किशोरी जागरूकता कार्यक्रम" में मुख्यअतिथि के रूप में सम्मिलित हुई। मंत्री रेखा आर्या ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा बच्चे देश का भविष्य होते हैं और कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए गर्भाशय से ही बच्चे के पोषण पर ध्यान देने की जरूरत है ,जब बच्चा पोषण युक्त होगा तभी वह भविष्य में देश प्रदेश की जिम्मेदारी लेने के लिए सक्षम बनेगा और वह तब सक्षम बनेगा जब उसकी गर्भवती माता को सही पोषण मिलेगा । आजकल के खानपान पर बोलते हुए मंत्री रेखा आर्या ने कहा पोषण फास्ट फूड में नहीं मिलेट्स में इसलिए स्वाद के लिए नहीं स्वास्थ्य के लिए सोचने की आवश्यकता है और हम अगर मोटे अनाज को अपने खान-पान का हिस्सा बना दें तब कुपोषण की लड़ाई कारगर साबित होगी। मंत्री रेखा आर्या ने कहा प्रदेश सरकार भी सुपोषित भारत का संकल्प पूरा करने के लिए गर्भवती ,स्तनपान कराने वाली माताओं और बहनों के लिए तमाम जरुरी जागरूकता कार्यक्रम और योजनाएं चला रही है। जिसके तहत लैंगिक समानता की दिशा में नंदा गौरा योजना के तहत बालिका के जन्म पर ₹11000 की धनराशि दी जा रही है और प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत बालक बालिक होने पर 5000 से 6000 तक की धनराशि दी जा रही है। मंत्री रेखा आर्य ने बताया है पहले किट सिर्फ बच्चियों के जन्म पर दी जाती थी लेकिन अब प्रदेश में बच्चे के जन्म पर भी महालक्ष्मी किट वितरित की जा रहे हैं जो कहीं ना कहीं जच्चे और बच्चे को स्वस्थ बनाने की दिशा में एक सफलतम प्रयास है। महिलाओं को संबोधित करते हुए मंत्री रेखा आर्या ने कहा मातृ दूध अपने आप में औषधि है और उसका कोई विकल्प नहीं है। मातृ दूध शिशु को कई बीमारियों से लड़ने के लिए सक्षम बना देता है। पहले महिलाएं 2 साल तक बच्चों को दूध पिलाया करती थी अब 6 महीने तक दूध पिलाना भी मुश्किल हो जाता है। यह चिंतित करने वाला विषय है ।